महाविकास अघाड़ी में बढ़ी फूट की संभावना, नाना पटोले ने कहा- ये कोई स्थाई गठबंधन नहीं

Update: 2022-08-11 13:59 GMT

मुंबई। महाराष्ट्र में तीन दलों की महाविकास आघाड़ी में फूट पडऩे की संभावना दिख रही है। कांग्रेस पार्टी ने महाविकास आघाड़ी से अलग होने का संकेत दिया है। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि महाविकास आघाड़ी कोई स्थाई गठबंधन नहीं है। महाविकास आघाड़ी को विपरीत परिस्थितियों में खास कारणों से बनाया गया था, अब उस तरह की स्थितियां नहीं हैं। 

औरंगाबाद में गुरुवार को आयोजित एक कार्यक्रम में नाना पटोले ने कहा कि महाविकास आघाड़ी की ओर से विधानसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता को प्रतिपक्ष बनाया गया लेकिन विधान परिषद में नेता विपक्ष बनाते समय कांग्रेस को पूछा तक नहीं गया। विधानपरिषद में शिवसेना का ही उपसभापति है और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का सभापति है। इसलिए विधानपरिषद में कांग्रेस का नेता प्रतिपक्ष होना चाहिए था। पटोले ने कहा कि इस निर्णय से पहले उद्धव ठाकरे को कांग्रेस से चर्चा करनी चाहिए थी। नाना पटोले ने कहा कि अगर इस के फैसले लिए जाएंगे तो कांग्रेस पार्टी को महाविकास पार्टी में रहने के संबंध में फिर से विचार करना पड़ेगा। पटोले ने यह भी कहा कि महाविकास आघाड़ी में शामिल होने के लिए वे किसी के दरवाजे पर नहीं गए थे, वरन दिल्ली जाकर सोनिया गांधी को महाविकास आघाड़ी में शामिल होने की विनती की गई थी।

कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि नाना पटोले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हैं, इसलिए वे जो निर्णय लेंगे, वही मान्य किया जाएगा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने भी शिवसेना के निर्णय पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि अगर महाविकास आघाड़ी आगे तक चलाना है तो सभी को साथ मिलकर निर्णय लेना पड़ेगा। हालांकि विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधिमंडल में जो एकबार तय हो जाता है, उसी के अनुरुप काम किया जाता है। सभी दलों में नेता अपने-अपने हिसाब से बयानबाजी करते हैं, लेकिन फिलहाल महाविकास आघाड़ी में वरिष्ठ स्तर पर कोई मतभेद नहीं है।

उल्लेखनीय है कि महाविकास आघाड़ी में मतभेद के बीज राज्यसभा तथा विधानपरिषद सदस्यों के चुनाव के समय ही पड़ गए थे। उस समय महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों ने अलग-अलग तरीके सेअपने उम्मीदवार तय किए थे।  

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