मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी में एक तरफ कोरोना वायरस का संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है तो दूसरी तरफ प्रवासी मजदूरों को संभालना भी मुश्किल होता जा रहा है। मंगलवार को एक बार फिर बांद्रा स्टेशन के बाहर हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर जुट गए। ये सभी बिहार के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार होना चाहते थे। सोशल डिस्टेंशिंग की तो धज्जियां उड़ गईं। भीड़ को पुलिस ने किसी तरह वहां से हटाया।
मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण के 21 हजार से अधिक केस सामने आ चुके हैं। लॉकडाउन की वजह से कामकाज बंद है। प्रवासी मजदूरों के लिए बड़ा संकट खड़ा हो चुका है। उनके पास पिछले 50 दिन से कोई काम नहीं है। बहुत से मजदूरों को खाना-पानी भी ठीक से नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में सभी मजदूर जल्द से जल्द अपने घर जाना चाहते हैं।
मंगलवार को बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर हजारों की संख्या में मजदूर पहुंच गए। हालांकि इनमें से केवल 1000 ऐसे मजदूर ही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार हो सके, जिन्होंने पहले से अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। अन्य सभी को पुलिस ने स्टेशन से काफी मुश्किल के बाद हटाया।
इससे पहले भी कई बार मुंबई में प्रवासी श्रमिक एकत्रित हो गए। हालांकि, ऐसा करना बेहद खतरनाक है। क्योंकि यदि इस भीड़ में कुछ कोरोना संक्रमित हुए तो वह अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं। बड़ी संख्या में मजदूर पैदल या साइकल से ही घरों के लिए विदा हो चुके हैं।
#WATCH Maharashtra: Huge crowd of migrant workers gathered outside the Bandra railway station in Mumbai earlier today to board a "Shramik special' train to Bihar. Only people who had registered themselves(about 1000) were allowed to board, rest were later dispersed by police. pic.twitter.com/XgxOQmSzEb
— ANI (@ANI) May 19, 2020