चंदन गुप्ता हत्याकांड: 28 दोषियों को उम्रकैद, कासगंज के अभाविप कार्यकर्ता चंदन की 26 जनवरी 2018 को हुई थी हत्या…

तिरंगा यात्रा निकालने के दौरान मारी गई थी गोली, लखनऊ के अमोल चित्रवंशी ने की पैरवी

Update: 2025-01-03 15:39 GMT

लखनऊ। कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या के मामले में एनआईए कोर्ट ने शुक्रवार को 28 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसमें आसिफ कुरैशी हिटलर, असलम कुरैशी, शबाब दोषी मुख्य रूप से शामिल हैं। कोर्ट ने एक दिन पहले इन्हें दोषी करार दिया था। लखनऊ निवासी अमोल चित्रवंशी ने सुप्रीम कोर्ट में हिन्दू पक्ष की तरफ से अधिवक्ता थे।

छह वर्षों तक एनआईए कोर्ट लखनऊ में चले इस मुकदमे में 2 जनवरी को कोर्ट ने 28 आरोपियों को आईपीसी की धारा 147, 148, 307/149, 302/149, 341, 336, 504, 506 के तहत दोषी दोषी करार दिया था। जबकि नसरुद्दीन और असीम कुरैशी को सबूत के अभाव में बरी कर दिया।

जिन आरोपियों को दोषी ठहराया गया उनमें अजीजुद्दीन, मुनाजिर, सलीम, नसीम, आसिफ, इमरान सलमान, असलम, शबाब, साकिब, आमिर रफी, वसीम, बबलू,अकरम, तौफीक, मोहसिन, राहत, आसिफ, निशु, वासिफ, शमशाद, जफर, खालिद परवेज, फैजान, इमरान, शाकिर, जाहिद शामिल हैं। वहीं एक आरोपी अजीजुद्दीन की मौत हो चुकी है। इसी मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने 28 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई। सुप्रीम कोर्ट में हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता भी लखनऊ के ही अमोल चित्रांशी थे।

दरअसल, 26 जनवरी 2018 को कासगंज में एबीवीपी कार्यकर्ता चंदन गुप्ता ने हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं के साथ तिरंगा यात्रा निकाली थी। इस यात्रा की पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी। जब यह यात्रा मुस्लिम बाहुल्य इलाके बड्डूनगर से गुजरने लगी तो मुस्लिम वर्ग के लोगों ने यात्रा का विरोध किया। इस पर दोनों पक्षों में बहस हो गई और देखते ही देखते बहस मारपीट में बदल गई। इसी बीच गोली चल गई जो चंदन गुप्ता को जाकर लगी। घायल अवस्था में चंदन को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

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