Hardoi News: रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से की सदर सांसद जयप्रकाश ने भेंट, पोरबंदर-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस का 'हरदोई में हाल्ट' मांगा
मनुहार: पोरबंदर-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस का हो 'हरदोई में हाल्ट'। 6 एक्सप्रेस ट्रेनों के आंझी शाहाबाद और 2 के बघौली में ठहराव की भी पैरवी।
हरदोई। सदर सांसद जयप्रकाश रावत निर्वाचित होने के बाद पहली मर्तबा शाहाबाद पहुंचे थे तो व्यापारियों ने उनका अभिनंदन फूल-मालाओं के साथ प्रमुख ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग के साथ किया था। जयप्रकाश ने पहली दिल्ली विजिट में इस मुद्दे को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के सामने रखने की बात कही थी। साथ ही प्रजापति ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के अनुयायियों की माउंट आबू जाने के लिए पोरबंदर-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस के ठहराव की मांग भी रेल मंत्री के सामने रखी।
सांसद जयप्रकाश ने शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र के आंधी रेलवे स्टेशन पर छह एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव के लिए रेल मंत्री भारत सरकार अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की।
उन्होंने आंझी रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन परियोजना में सम्मिलित करने और त्रिवेणी एक्सप्रेस, अवध-असम एक्सप्रेस, बाघ एक्सप्रेस, सियालदह एक्सप्रेस, देहरादून वाराणसी देहरादून एक्सप्रेस और जनता एक्सप्रेस के ठहराव की मांग की है। क्षेत्र के लोगों ने तमाम बार सांसद से ट्रेनों के ठहराव की मांग की थी। पिछले टर्म में जय प्रकाश बहुत सक्रिय नहीं रहे थे। लेकिन, अब वह फुल फॉर्म में हैं।
सांसद से प्रजापति ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के अनुयायियों ने माउंट आबू जाने के लिए पोरबंदर-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस के हरदोई स्टेशन पर ठहराव की मांग की थी। बताया था, इस ट्रेन का स्टॉपेज शाहजहांपुर जंक्शन पर है, जो हरदोई से 65 किलोमीटर है, ऐसे में बुजुर्ग अनुयायियों को असुविधा होती है। जय प्रकाश ने ये मांग भी प्राथमिकता से रेल मंत्री के सामने रखी। सांसद ने बघौली स्टेशन पर बनारस-बरेली और बनारस-देहरादून एक्सप्रेस के ठहराव की भी मांग की है।
1330.13 करोड़ सांडी-गुरसहायगंज रेल लाइन को मंजूर, परियोजना फिर भी लटकी
सदर सांसद जयप्रकाश ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को चिट्ठी देकर वाया हरदोई, सांडी-गुरसहायगंज रेल लाइन का मसला भी रखा। बताया, 17वीं लोकसभा में उन्होंने इस प्रकरण को उठाया था। परियोजना को मंत्रालय ने सैद्धांतिक स्वीकृति दी थी और 2019/20 के आम बजट में केंद्र सरकार ने 1330.13 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। परियोजना का डीपीआर उत्तर रेलवे ने प्रस्तुत किया था। जिस पर ईडी स्तर पर पीईसी की बैठक में चर्चा के बाद पुनः उत्तर रेलवे को परियोजना की लागत और यातायात पूर्वानुमान की समीक्षा के लिए वापस भेजा गया था। सांसद ने कहा, संबंधित क्षेत्रीय रेलवे को परियोजना की लागत की डीपीआर पर अंतिम निर्णय अभी भी लंबित है। इस परियोजना को पांच साल में पूरा।किया जाना था, पर अप्रत्याशित देरी हो रही है। सांसद ने रेल मंत्री से इस पर प्रभावी हस्तक्षेप और निर्णय की गुजारिश की है।