बांदा। सर्व पितृ विसर्जनी अमावस्या पर धरती पर आए पितरों को याद कर उन्हें विदाई दी गई है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में अगर आपने पूर्वजों का तर्पण, श्राद्ध नहीं किया है तो सर्व पितृ अमवास्या पर तिलांजलि कर उन्हें सम्मानपूर्वक विदा करें। इस दिन दान करने से अमोघ फल प्राप्त होता है। हर बड़ी परेशानी का अंत हो जाता है। ये पितरों को मनाने का आखिरी मौका है। इस दिन श्राद्ध कर्म करने से पूर्वजों को सालभर तक संतुष्टि रहती है। शहर के नवाब टैक में पितरों को जल अर्पण करने के लिए लोग पहुंचे। इसी तरह गांवों के तालाबों में पितरों को तर्पण किया गया।