संभल: शहर को वक्फ प्रॉपर्टी बताने पर पुलिस-प्रशासन सख्त, तीन सदस्यीय टीम की जांच में फर्जी निकले दस्तावेज, एफआईआर दर्ज…

सरकारी स्थान, पुलिस थाना, पुलिस चौकी, विवादित धर्मस्थल, तहसील, डाकघर को भी बताया गया वक्फ संपत्ति…

Update: 2025-01-04 07:02 GMT

संभल। शाही जामा मस्जिद, प्राचीन श्री कल्कि विष्णु मंदिर समेत संभल सदर के 4 किलोमीटर दायरे को वक्फ संपत्ति के दस्तावेज प्रशासन की तीन सदस्यीय टीम की जांच में फर्जी पाए गए हैं। पुलिस ने वक्फ संपत्ति के फर्जी दस्तावेज पेश करने के मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

साथ ही फर्जीवाड़ा कर फर्जी दस्तावेज तैयार करने वालों के खिलाफ भी पुलिस कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।

पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा कुछ कागजात सौंपे गए थे। इस मामले में एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी, जिसमें एसडीएम, सीईओ और नगर पालिका संभल के ईओ शामिल हैं।

जो दस्तावेज दिए गए थे, वह सभी रजिस्टर्ड नहीं थे। जांच में सभी कागजात फर्जी पाए गए। इस मामले में सदर कोतवाली में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ 419, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

इसके अलावा जिन लोगों ने फर्जी कागजात तैयार किए हैं, उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि 52 बीघा जमीन वक्फ के नाम से बेचने का मामला भी सामने आया है। इस मामले में भी कार्रवाई की जाएगी।

ओवैसी ने किया था पुलिस चौकी की जमीन पर पेश किया था दावा : बता दें कि संभल सदर इलाके के शाही जामा मस्जिद के सामने सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण कार्य चल रहा है। एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने सत्यव्रत पुलिस चौकी को वक़्फ़ की संपत्ति बताते हुए दावा पेश किया था।

वहीं, 30 दिसंबर को सपा का डेलिगेशन भी संभल में जिला प्रशासन से मिला था, जिसमें सत्यव्रत पुलिस चौकी निर्माण को लेकर वक्फ संबंधित अभिलेख सौंपे गए थे। इसमें एक से लेकर 20 बिंदुओं तक संपत्तियों का उल्लेख किया गया था।

इस मामले में जिला प्रशासन ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर संपत्तियों की जांच के निर्देश दिए थे। जांच में सभी कागजात फर्जी पाए गए। इसके बाद शुक्रवार को पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। 

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