संभल: शाही जामा मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में पेश, बंद लिफाफे में एडवोकेट कमिश्नर ने सौंपी, 40-45 पेज की है रिपोर्ट…
19 नवंबर को जिला कोर्ट ने दिया था सर्वे का आदेश, 19 और 25 को हुआ था सर्वे
संभल। शाही जामा मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट एडवोकेट कमिश्नर ने गुरुवार को जिला अदालत में पेश कर दी है। 40-45 पन्नों की इस रिपोर्ट को बंद लिफाफे में पेश किया गया है। इस सर्वे की करीब 45 पेज की रिपोर्ट कोर्ट कमिश्नर ने न्यायालय में पेश की है।
स्थानीय अदालत ने 19 नवंबर को हिंदू पक्ष की दलील पर गौर करने के बाद एडवोकेट कमिश्नर से मस्जिद के सर्वे के लिए एक पक्षीय आदेश पारित किया था।
एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव ने चंदौसी की जिला अदालत में सर्वे रिपोर्ट गुरुवार को पेश कर दी है। उन्होंने बताया कि अदालत ने उन्हें सर्वे रिपोर्ट को लेकर एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था, जिसके तहत 19 नवंबर और 24 नवंबर को संभल की जामा मस्जिद का सर्वे हुआ था।
सर्वे के दौरान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई थी। यह रिपोर्ट 40 से 45 पेज की बंद लिफाफे में सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में पेश कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश अनुसार सील बंद लिफाफे में अदालत में पेश की गई है।
उन्होंने बताया कि अब दूसरा पक्ष हाईकोर्ट में जाता है तो कोर्ट के आदेश अनुसार ट्रायल कोर्ट उसी पर कार्रवाई करेगी।
बता दें कि हिंदू पक्ष ने जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करते हुए जिला कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके बाद कोर्ट ने 19 नवंबर को सर्वे का आदेश दिया था। साथ ही एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था। उसी दिन सर्वे हुआ। इसके बाद 24 नवंबर को फिर से टीम शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची।
इस दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई थी। कई कारणों से रिपोर्ट तय सीमा पर पेश नहीं की जा सकी थी। सर्वे के बाद जिला अदालत में 29 नवंबर तक सर्वे रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन अदालत ने कोर्ट कमिश्नर को 10 दिन का समय देते हुए 9 दिसंबर तक सौंपने के आदेश दिए थे।