ज्योतिरादित्य सिंधिया वो शख्सियत, जिन्हें नौकरी देने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने बदले नियम
नईदिल्ली/वेबडेस्क। ग्वालियर राजघराने से संबंध रखने वाले केंद्रीय उड्डयन मंत्री और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को आज किसी पहचान की जरुरत नहीं है। उनके पिता माधवराव सिंधिया कांग्रेस के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री रहे थे। उनके निधन के बाद ज्योतिरादित्य ने राजनीतिक जीवन में कदम रखा। उन्होंने अपने पिता की तरह ही कांग्रेस के साथ राजनीतिक पारी की शुरुआत की। राजनीति में आने से पहले वे अमेरिका में नौकरी करते थे।
ज्योतिरादित्य ने एक टीवी इंटरव्यू में बताया की संयुक्त राष्ट्र ने अमेरिका में उन्हें नौकरी देने के लिए अपने नियम बदल दिए थे। उन्होंने टीवी शो 'कुछ लम्हे फुरसत के' में एक प्रश्न के जवाब में बताया की मैंने यूएन समेत कई बड़ी संस्थाओं में नौकरी की। मेरे लिए पूरा अनुभव कमाल का रहा। यूनाइटेड नेशन में जो प्रोग्राम है इंटर्नशिप के लिए वो ग्रेजुएट प्रोग्राम है। लेकिन मुझे अंडर-ग्रेजुएट होते हुए भी वहां काम करने की अनुमति मिली।'सिंधिया ने आगे बताया की इसके लिए यूएन ने नियम बदल दिए थे।
शानदार रहा अनुभव -
उन्होंने आगे बताया की हम अंडर-ग्रेजुएट को नौकरी नहीं देते तो मैंने उन्हें जाकर अपना पूरा केस बताया। उस एप्लीकेशन को देखकर उन्होंने नियमों में बदलाव किया और मुझे नौकरी दी।उन्होंने कहा यह बात साल 1992 की है। उस समय अमेरिका और इराक के बीच युद्ध चल रहा था। उस समय मैं यूएन में नौकरी कर सकता था। युद्ध के समय मुझे किसी भी कमरे में जाने की अनुमति थी। वहां का अनुभव काफी शानदार रहा साथ ही काफी कुछ सीखने को मिला है।
पत्नी से पहली मुलाकात -
बता दें की ज्योतिरादित्य ने अमेरिका से पढ़ाई की है। वहीँ उनकी पहली मुलाकात अपनी पत्नी प्रियदर्शनीराजे से हुई थी। शादी के बाद वे कुछ समय तक पत्नी प्रियदर्शनी के साथ अमेरिका में ही रहे। उन्होंने पिता माधवराव के निधन के बाद भारत आकर राजनितिक पारी की की शुरुआत की थी।