उत्तरप्रदेश सरकार के प्रयासों से प्रदेश 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की ओर
प्रो. पूनम कुमारी सिंह
इस समय उत्तर-प्रदेश की अर्थव्यवस्था 200 अरब डॉलर की है और 240 मिलियन सघन जनसंख्या वाले इस राज्य में प्रति व्यक्ति आय 860 डॉलर है I ऐसे में 2027 तक राज्य की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचाने का अर्थ है, इतनी ही जनसंख्या पर 2027 तक प्रति व्यक्ति आय 4300 डॉलर करने का लक्ष्य I उत्तर-प्रदेश के लिए मुख्यमंत्री योगी जी का यह लक्ष्य यदि असम्भव नहीं तो अत्यंत कठिन अवश्य है, यह किसी चुनौती से कम नहीं I योगी जी ने अपने कार्यकाल के प्रथम चरण में ही इस बात का ध्यान रखा कि व्यापार/निवेश के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना में तेजी से विकास किया जाए I 4 जून 2009 में लॉन्च किया गया मित्र निवेश योजना लगभग निष्प्रभावी था लेकिन आज निवेशक व्यापार सम्बन्धी सारी प्रक्रियाओं को इस सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से पूरी कर पा रहें I यू.पी.में हैसल फ्री बिजनेस का यह प्रथम पड़ाव है, जिसे निवेशकों से खूब सराहना मिल रही है I2015 में जो उत्तर-प्रदेश ईज़ ऑफ़ डूइंग बिजनेस में राज्यों की रैंकिंग में बारहवें नम्बर पर था वह, 2019 तक आते-आते आंध्रप्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर आ गया I
उत्तर-प्रदेश वर्षों से क्षेत्रीय दृष्टि से असंतुलित विकास का शिकार रहा है I पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में विकास की रफ्तार तेज रही तो पूर्वी उत्तर-प्रदेश, बुंदेलखंड और रूहेलखंड में अत्यंत मंद I इस असमानता को पाटने का प्रयास मुख्यमंत्री ने प्रारम्भ कर दिया है I यथा -तथाकथित पिछड़े पूर्वी उत्तर-प्रदेश में भारत का सबसे लम्बा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे बना कर निवेशकों को साफ-साफ सन्देश दिया गया कि इंफ्रास्ट्रक्चर की दृष्टि से यह क्षेत्र अब किसी भी निवेश/व्यापार के लिए पूरी तरह तैयार है I केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना को, पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में समग्रता से लागू कर इसे विभिन्न उत्पादों के हब के रूप में विकसित करने की योजना है I पश्चिमी उत्तर-प्रदेश व्यापार/निवेश के मामले में पहले से ही अग्रणी रहा है, अब, पीएलआई के समायोजन में अगस्त 2020 में लाई गई नई यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी-2020 के तहत 40,000 करोड़ रुपये के निवेश और चार लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है I इस नई नीति के तहत माइक्रोसॉफ्ट, एमएक्यू, अदानी ग्रुप, हीरानंदानी ग्रुप, नेटमैजिक सर्विसेज, एसटीटी प्राइवेट लिमिटेड और अग्रवाल एसोसिएट लिमिटेड जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने नोएडा में डेटा सेंटर स्थापित करने की पहल की है। इससे निश्चय ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. भारत में यू .पी. पहले से ही कर्नाटक के बाद दूसरे नम्बर पर आईटी का हब हैI यहाँ चुनौती इस बात की भी है कि इन आईटी सेक्टरों में काम करने वाले अधिकांश युवा बी.टेक.की डिग्री लिए हुए इंजीनियर्स हैं जो लो एंड के कामों में लगे हुए हैं, इसमें देश के संसाधनों के साथ ही साथ युवा शक्ति,उर्जा और समय सबका समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है I इसके लिए आवश्यकतानुसार आईटी क्षेत्र के लिए बड़े पैमाने पर स्किल ट्रेनिग की जरूरत है I यू.पी. को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में पश्चिमी उत्तर-प्रदेश बड़ी प्रभावी भूमिका में रहेगा इसमें संदेह नहीं है लेकिन पश्चिमी उत्तर-प्रदेश जैसे और भी व्यापार/निवेश के हब बनाने होंगें I प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से अत्यंत सम्पन्न विविधता भरे इस राज्य के हर क्षेत्र की अपनी विशेषता है जिसको ध्यान में रख कर ही निवेश/व्यापार करना होगा , उदाहरण के लिए बुंदेलखंड क्षेत्र के महोबा,झाँसी,ललितपुर, बाँदा,जालौन,हमीरपुर और चित्रकूट जिले प्राकृतिक रूप से हीरे के खानों, ग्रेनाईट पत्थर, बालू और रेत के खानों के लिए जाने जाते हैं I इस क्षेत्र में इन्हीं संसाधनों से सम्बन्धित निवेश/व्यापार लाभदायक होगा I विडम्बना ही है कि प्राकृतिक रूप से साधन सम्पन्न यह क्षेत्र आर्थिक रूप से अत्यंत पिछड़ा हुआ है I इसी प्रकार रूहेलखंड, अवध क्षेत्र में पाए जाने वाले प्राकृतिक संसाधनों के अनुसार ही निवेश/व्यापार की प्रकृति तय करनी होगी I इसी को ध्यान में रख कर 24 जनवरी 2018 को 'एक जनपद -एक उत्पाद कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया I यह कार्यक्रम आर्थिक दृष्टि से उत्तर-प्रदेश के हर जनपद के महत्व को रेखांकित करते हुए,राज्य के विशाल मानव संसाधन की उर्जा को दिशा और गति देते हुए राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में अत्यंत सहायक हो सकता है I जरूरत इस बात की है कि राज्य के निवासियों को इस सन्दर्भ में की जा रही सरकारी सहायता की जानकारी हो जिससे इस कार्यक्रम में उनकी सक्रिय भागीदारी तय की जा सके I निश्चय ही 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में शनै: शनै: एक बड़े पैमाने पर कृषि आधारित अर्थव्यवस्था से एक औद्योगिक अर्थव्यवस्था में प्रवेश होगा लेकिन इसमें कृषि को दरकिनार कर उपेक्षित नहीं किया जा सकता है I कृषि भारतीय अर्थ-व्यवस्था की जीवन-रेखा है , उत्तर-प्रदेश को इतनी विशाल अर्थ-व्यवस्था वाला राज्य बनाने में कृषि की भूमिका तय कर उसे औद्योगिक अर्थव्यवस्था से जोड़ना ही होगा, कृषि के महत्व को ध्यान में रखते हुए ही केंद्र सरकार ने पीएलआई योजना में फूड प्रोडक्ट्स सेक्टर के लिए 10900 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं I उत्तर-प्रदेश को भी कृषि को औद्योगिक विकास का अहम हिस्सा बनाना होगा, तभी सबका साथ, ,सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के साथ इतने बड़े लक्ष्य को साधा जा सकता है I काशी कोरिडोर, अयोध्या में राम मंदिर और 65 किमी परिधि के भीतर लखनऊ-फैजाबाद-गोरखपुर चार-लेन के राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों किनारों पर प्रस्तावित औद्योगिक गलियारे तथा यमुना एक्सप्रेसवे के पास प्रस्तावित वृंदावन हेरिटेज कॉरिडोर – पर्यटन, रोजगार को बढ़ाते हुए उत्तर-प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगे, लेकिन यहाँ भी सरकार की कड़ी निगरानी और अनुशासन आवश्यक होगा, अन्यथा उत्तर-प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध मंदिरों की भांति ये भी अव्यवस्था के शिकार होकर वांक्षित लाभ नहीं दे पाएँगे I कानून व्यवस्था तथा निवेश/व्यापार का अन्योन्याश्रित सम्बन्ध है I अपने प्रथम कार्यकाल के प्रारम्भ से ही मुख्यमंत्री योगी जी ने इसे भांप लिया था कि कानून व्यवस्था को मजबूत किए बिना यू.पी. के अर्थव्यवस्था की गति को तेज नहीं किया जा सकता है I योगी आदित्यनाथ ने अभूतपूर्व दूरदृष्टि, इच्क्षाशक्ति,दृढनिश्चय और प्रतिबद्धता का परिचय देते हुए कानून व्यवस्था को मजबूत बना कर पटरी पर ला दिया,लेकिन यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, थोड़ी सी भी ढिलाई सीधे निवेश/व्यापार को हानि पहुँचाते हुए अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगी I
1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करना , हर उत्तर-प्रदेश वासी के सपने को सच करने जैसा होगा ; निश्चय ही योगी आदित्यनाथ जी के लिए- बहुत कठिन है डगर पनघट की I