अयोध्या में 'श्रीराम मंदिर' का शिलान्यास भारत में 'हिंदू राष्ट्र' का शिलान्यास है-श्री राजेंद्रदास देवाचार्य जी
-मधुकर चतुर्वेदी
आगरा। लोग कहते थे कि धर्मनिरपेक्ष देश में अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण कैसे होगा, लेकिन हम अभिवादन करते हैं देश के सर्वोच्च न्यायालय का, जिसने अयोध्या में श्रीरामंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। सर्वोच्च न्यायालय ने वही किया, जो न्यायोचित था। हम भारत सरकार के साथ ही देश की जनता का भी धन्यवाद देते हैं, जिसने धर्म-संप्रदाय से उपर उठकर राममंदिर का समर्थन किया। आज राष्ट्र को वह सौभाग्य प्राप्त हो रहा है कि प्रधानमंत्री संतों की उपस्थिति में पांच अगस्त को श्रीराम मंदिर का शिलान्यास करेंगे।
यह कहना था देश के विख्यात रसिक संत श्रीमद्जगद्गुरु द्वाराचार्य मलूकपीठाधीश्वर स्वामी श्री 'राजेंद्रदास देवाचार्य' जी का। रविवार को स्वदेश से वार्ता में उन्होंने कहा कि यह केवल अयोध्या में श्रीराम मंदिर का शिलान्यास नहीं है, बल्कि यह भारत में हिंदू राष्ट्र का शिलान्यास है। श्री राजेंद्रदास देवाचार्य जी को श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा 5 अगस्त को शिलान्यास कार्यक्रम में उपस्थिति होने का निमंत्रण प्राप्त हुआ है। पांच अगस्त को वह अयोध्या शिलान्यास कार्यक्रम में ब्रजमंडल के संतों व आम जनता की का प्रतिनिधित्व करेंगे।
श्री राजेंद्रदास देवाचार्य जी ने कहा कि लोग कहते थे कि धारा-370 बहुत जटिल समस्या है और यह कभी समाप्त नहीं हो पाएगी। लेकिन सरदार बल्लभ भाई पटेल के बाद देश को महान मनोबल से सम्पन्न प्रधानमंत्री व गृहमंत्री प्राप्त हुआ कि लोग देखते ही रह गए। देश धारा 370 के कलंक से मुक्त हो गया और डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चरणों में सच्ची श्रद्धांजलि इस राष्ट्र ने समर्पित की। उन्होेंने कहा कि आने वाले समय में विभाजन की रेखाएं मिटेंगी और भारत अखंड होगा। हम अखंड भारत में ही कैलाश मानसरोवर की यात्रा करेंगे और चीन को मुंह की खानी पड़ेगी। श्रीराजेंद्रदास देवाचार्य जी ने कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि प्रधानमंत्री व उनका मंत्रीमंडल दीर्घआयु प्राप्त करें, न केवल शरीर की दीर्घआयु बल्कि, शासन की भी दीर्घआयु प्राप्त करें।
हमें विश्वास है भारत गौवध के कलंक से जरूर मुक्त होगा।
श्रीराजेंद्रदास देवाचार्य जी ने कहा कि सबका विकास तभी होगा, जब विकास के मूल केंद्र में वेदलक्षणा भारतीय देशी गाय होगी। अगर गौवध को नहीं रोका गया, तो विकास के नाम पर आत्मविनाश ही करेंगे। उन्होंने कहा कि गौरक्षा धर्म रक्षा ही नहीं हैं, आत्म रक्षा और राष्ट्ररक्षा भी है। उन्होंने कहा कि भयंकर वैश्विक महामारी का मूल कारण गौवंश की उपेक्षा है। कोरोना काल में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, गौ दूग्ध व गौअर्क सेवन से मरीज ठीक हुए और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हुुई। हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि आपदा राहत कोष में गौवंश के लिए भी कुछ राशि निकालें, क्योंकि कोरोना काल में गौवंश को बहुत हानि पहुंची है। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि प्रधानमंत्री के भीतर गौवंश के प्रति अच्छे भाव हैं और वह देश को गौवध के कलंक से मुक्ति दिलाएंगे।