शिक्षकों ने विधायक को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपकर की ओपीएस की मांग
विधायक ने सीएम से मिलकर समस्या के समाधान का दिया
सादाबाद। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ की सहपऊ शाखा के पदाधिकारियों द्वारा शिक्षकों के साथ शनिवार को मुख्यमंत्री के नाम सादाबाद विधायक प्रदीप कुमार सिंह गुड्डू भैया को 18 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया। इस ज्ञापन के जरिए उप्र बेसिक शिक्षा परिषद् के नियंत्रणाधीन विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों की मांगों को पूरा किए जाने की मांग की गई।
ज्ञापन में अध्यक्ष अरूण शर्मा ने बताया कि उप्र बेसिक शिक्षा परिषद् के नियंत्रणाधीन विद्यालयों में 01 अप्रैल 2005 व उसके पश्चात नियुक्त शिक्षकों की पुरानी पेंशन व्यवस्था ( ओपीएस ) से आच्छादित किया जाये। उप्र बेसिक शिक्षा परिषद् के नियंत्रणाधीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों कि भांति उपार्जित अवकाश द्वितीय शनिवार अवकाश प्रतिकर अवकाश एवं अध्ययन अवकाश (स्टडी लीव) अनुमन्य किया जाये। विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों कि भाँति कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाये। प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक की पदोन्नति एवं तैनाती की जाये। विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को भी उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद् के शिक्षकों की भांति चयन वेतनमान के अंतर्गत 12 वर्ष कि सेवा पूर्ण करने वाले सभी शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान अनुमन्य किया जाये। सभी शिक्षकों को 10 लाख रुपये का सामूहिक बीमा अनुमन्य कराया जाये तथा वर्ष 2014 व उसके पश्चात् नियुक्त शिक्षकों को भी सामूहिक बीमा का लाभ अनुमन्य किया जाये। बेसिक शिक्षकों के अंतर्जनपदीय एवं अन्तः जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के लिए न्यूनतम सेवा अवधि की शर्त समाप्त की जाये एवं सत्र भर में कभी भी पारस्परिक स्थानांतरण का आवेदन प्राप्त होने पर स्थानांतरण किये जाये।ऐसे शिक्षकों को जिनकी पदोन्नति दिनांक 01 दिसंबर 2008 के पश्चात् ग्रेड वेतन 4600 में हुई है द्य उनको पदोन्नति की तिथि से न्यूनतम मूल वेतन रुपये 17140 अनुमन्य किया जाये। 01 अप्रैल 2005 से पूर्व चयनित ऐसे शिक्षक जिनकी नियुक्ति अथवा कार्यभार ग्रहण तिथि 01 अप्रैल 2005 के पश्चात् है, को भारत सरकार की भांति पुरानी पेंशन योजना से लाभान्वित किया जाये ।
बेसिक शिक्षकों की पदोन्नति एवं अन्तःजनपदीय स्थानांतरण की सम्पूर्ण प्रक्रिया नियुक्ति प्राधिकारी / जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से करवाई जाये। बेसिक शिक्षकों को संसाधन एवं प्रशिक्षण दिए बिना ऑनलाइन कार्य करने को बाध्य किया जा रहा है शिक्षक वेतन आहरण पर रोक से बचने के लिए देर रात तक साइबर कैफे पर बैठकर ऑनलाइन कार्य कराने को बाध्य हैं द्य जिससे शिक्षकों का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। अतः इस प्रकार कार्य गैर शिक्षणेत्तर कर्मचारियों द्वारा करवाया जाये। अधिकांश विद्यालय दूर दराज एवं दुर्गम मार्गों पर स्थित हैं शिक्षकों को अपने घर से विद्यालय की दूरी तय करने में काफी समय लगता है परन्तु फिर भी शिक्षकों को विद्यालय समय के पश्चात संकुल अथवा ब्लॉक संशाधन केंद्र पर बैठक में उपस्थित रहने हेतु बाध्य किया जा रहा है जिससे शिक्षकों विशेषकर महिला शिक्षकों को परेशानी उठानी पड रही है द्य अतः विद्यालय समय के पश्चात् होने वाली बैठकों पर रोक लगाई जाये।
प्रायः प्रत्येक वर्ष के अंत में फरवरी व मार्च के माह में उ०प्र० माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परीक्षाओं में भी बेसिक शिक्षा परिषदीय शिक्षकों की ड्यूटी लगायी जाती है। इसी अवधि में विभाग द्वारा भी ब्लॉक संशाधन केंद्र अथवा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पर शिक्षकों के प्रशिक्षण कराये जाते हैं। बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों कि वार्षिक परीक्षा की तैयारी भी इसी अवधि में करवानी होती है परन्तु बेसिक शिक्षकों को प्रशिक्षण एवं माध्यमिक शिक्षा परिषद् की बोर्ड परीक्षाओं में ड्यूटी लगा दिए जाने से बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों के छात्रों का हित प्रभावित होता है। अतः प्रत्येक वर्ष माह फरवरी एवं मार्च में शिक्षकों को किसी भी अन्य कार्य में न लगाया जाने सहित कई अन्य मांगे की गईं। मौके पर चौ. मोहन संह, गिरेंद्र सिंह महामंत्री, अश्वनी कुमार कोषाध्यक्ष, प्रेमवीर सिंह, मनोज कुमार, गौरव गौतम, आशीष मिश्रा, गौरव गिरी, हरिओम दीक्षित, देवेंद्र दीक्षित आदि थे।