खैर। इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक मामला खैर क्षेत्र में सामने आया है। जहां पर आठ दिन की नवजात बालिका भोपा नगला के निकट झाड़ियों के पास कंबल में लिपटी हुई मिली। सूचना पर इंस्पेक्टर खैर व चौकी इंचार्ज मौके पर पहुंचे। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ लगी हुई थी लेकिन नवजात शिशु की कोई पहचान न होने के कारण पुलिस नवजात को सीएचसी लेकर आई। उच्चाधिकारियोंं के आदेश पर महिला दरोगा व कांस्टेबल के साथ नवजात को भोपा नगला निवासी दंपति के सुपुर्द किया गया है।
नवजात को हॉस्पिटल में करवाया गया भर्ती
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक डा0 रोहित भाटी ने नवजात बालिका की जांच की। जांच में नवजात बालिका स्वस्थ्य मिली। सीएचसी स्टाफ ने नवजात बच्ची को दूध पिलाया। चिकित्साधीक्षक की मानें तो करीबन सात या आठ दिन की नवजात बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। स्वास्थ्य परीक्षण के अनुसार नवजात बच्ची बिल्कुल स्वस्थ्य है। दूध पिलाया गया है और बच्ची रो रही है।
झाडियों में फेंकने वाली निर्दयी मां कौन
प्रदेश सरकार जहां भू्रण हत्या पर रोकथाम के लिए पूरा प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ ममता को कलंकित करने वाली मां अपनी सात आठ दिन की नवजात बालिका को झाडियों में पटक कर चली गई। गनीमत तो यह रही कि आवारा कुत्तों ने नवजात बालिका को शिकार नहीं बनाया वरना एक बड़ी अनहोनी हो सकती थी। वहीं भोपा नगला के निकट झाडियों में नवजात बालिका मिलने की सूचना पर खैर व आसपास क्षेत्र के बच्चों के लिए तरस रहे मां बाप सीएचसी तथा थाने पहुंचे तथा बालिका को अपनाने के लिए सीएचसी स्टाफ व खैर पुलिस से गुहार लगाते देखे गए।
उक्त मामले में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने बताया कि अज्ञात नवजात बालिका जो भोपा नगला के निकट झाडियों में मिली है महिलाएसआई संजय कुमारी व कांस्टेबल की देखरेख में वन स्टॉप सेंटर भेजा गया था किंतु बहां नवजात की समुचित देखभाल ना होने का हवाला देते हुए लेने से इनकार कर दिया था। जिसके चलते नवजात को निसंतान भोपा नगला निवासी अमित पुत्र शिवचरण के सुपुर्द किया गया है।