अभाविप के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन ने रचा इतिहास: शिक्षा की गुणवत्ता, शुल्क वृद्धि, खाद्यान्न मिलावट, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति, मणिपुर हिंसा पर प्रस्ताव…
वर्ष 2024-25 में बनाये 55,12,470 नए सदस्य, 6 दिसंबर को सामाजिक समरसता पर होंगे विविध कार्यक्रम
लखनऊ। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन गोरखपुर विश्वविद्यालय में 22, 23 एवं 24 नवंबर को हुआ। इसमें 'लघु भारत', 'अनेकता में एकता', 'विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विरासत' के दर्शन का साक्षी बना। अभाविप ने महेश्वर से पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर के त्रिशताब्दी वर्ष पर निकाली गई मानवंदना यात्रा प्रयागराज, अयोध्या से होते हुए अधिवेशन स्थल पहुंची।
यात्रा के जरिये लोकमाता के भारतीय सांस्कृतिक विशिष्टता के पुनरुत्थान हेतु किए गए प्रयासों को जनसामान्य तक पहुंचाया गया। यात्रा का स्वागत राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो.राजशरण शाही एवं तत्कालीन राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने किया। उक्त बातें राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल ने अवध प्रांत कार्यालय पर शुक्रवार को हुई पत्रकार वार्ता में दी।
इस दौरान अवध प्रांत मंत्री पुष्पेंद्र वाजपेयी, केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य शीतल कुमारी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सृष्टि सिंह, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शुभम सिंह सेंगर, मयंक अग्रवाल, नवीन आजाद दुबे एवं फार्मा विजन के राष्ट्रीय सह संयोजक आकाश पटेल भी उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल ने बताया कि 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में महंत अवेद्यनाथ को समर्पित विशाल प्रदर्शनी लगाई गई। सभागार का नाम 'महंत अवेद्यनाथ मंडप' रखा गया। महंत अवेद्यनाथ को समर्पित प्रदर्शनी में गोरखपुर का इतिहास, स्वाधीनता आंदोलन की गौरव गाथा, विश्वगुरु भारत, विद्यार्थी परिषद का 75 वर्षों का इतिहास, विविध क्षेत्रों में आयामों के कार्य, राष्ट्रीय एकात्मता, पर्यावरण आदि विषय केंद्र में रहे।
उद्घाटन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने किया। राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने अभाविप के क्रियाकलापों पर आधारित प्रतिवेदन रखा, जिसमें देशभर में हुए कार्यक्रम, गतिविधियां, आंदोलन तथा 55,12,470 सदस्यता के आंकड़े की जानकारी शामिल थी। 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में सत्र 2024-25 हेतु पुनः निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.राजशरण शाही और नवनिर्वाचित राष्ट्रीय महामंत्री डॉ.वीरेंद्र सिंह सोलंकी को चुनाव अधिकारी डॉ.प्रशांत साठे ने पदभार ग्रहण कराया। उन्होंने बताया कि उद्घाटन जोहो कारपोरेशन के सीईओ श्रीधर वेम्बू ने किया। उन्होंने स्वावलंबन, एंटरप्रेन्योरशिप, रोजगार, युवाओं को भविष्य के दिशा सूत्र, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपने भाषण में प्रमुखता से उठाया।
श्रवण दिव्यांगता के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने वाले दीपेश नायर को मिला प्रा.यशवंतराव केलकर पुरस्कार : अंकित शुक्ल ने बताया कि प्रा.यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार-2024 का वितरण मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ ने किया। इस वर्ष प्रा.यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार श्रवण दिव्यांगता के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने वाले ठाणे के दीपेश नायर को दिया गया। इसमें ₹1,00,000 की राशि, प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह समाविष्ट है।
अधिवेशन में 5 प्रस्ताव पारित हुए, जिनमें शिक्षा की गुणवत्ता, शुल्क वृद्धि, अति प्रसंस्कृत एवं मिलावटी खाद्य पदार्थों के स्थान पर जैविक भोजन का आग्रह, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय कूटनीति, मणिपुर हिंसा के संपूर्ण समाधान जैसे गंभीर शैक्षणिक एवं सामाजिक विषयों पर प्रस्ताव शामिल हैं।
भारतीय ज्ञान परंपरा को वैचारिक विमर्श का केंद्र बनाएगी अभाविप : राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में संस्कार और मूल्यपरक शिक्षा की बात अभाविप करता है। भारत रोजगार प्रदाता देश बन रहा है। परिषद ने अधिवेशन में युवा मंच के माध्यम से समर्थ भारत 2047 के विविध संदर्भों में बात की है। समर्थ भारत 2047 के संकल्प की पूर्ति हेतु प्रत्येक कार्यकर्ता प्रतिबद्ध है। 2047 में प्रश्न किसी का हो उत्तर हमारा होगा।
अर्थात विश्व की समस्याओं के समाधानकर्ता के रूप में भारत अग्रणी रहेगा। अवध प्रांत मंत्री पुष्पेंद्र वाजपेयी ने कहा कि परिषद शैक्षणिक दूरदर्शिता के साथ शिक्षा की गुणवत्ता एवं भारतीय ज्ञान परम्परा को विकसित करने के संदर्भ में वैचारिक विमर्श की दिशा में कार्य करेगी। युवाओं में कर्तव्यबोध की दृष्टि से 6 दिसंबर को सामाजिक समरसता के संदर्भ में विविध कार्यक्रम होंगे।
'मिशन साहसी' एवं 'ऋतुमति अभियान' ने छात्राओं में जगाया जोश : केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य शीतल कुमारी एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सृष्टि सिंह ने कहा कि छात्राओं के मध्य मिशन साहसी एवं ऋतुमति अभियान के माध्यम से उनके स्वावलंबन, स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं सम्मान के लिए अभाविप निरंतर कार्य कर रही है। अधिवेशन में छात्राओं की उपस्थिति से देश भर की छात्राओं को आपस में मिलने का अवसर मिला। विद्यार्थी परिषद छात्राओं को नेतृत्व देकर उनके व्यक्तित्व निर्माण का कार्य करती है।