लखनऊ। समाजवादी पार्टी का मजबूत किला कहलाये जाने वाले जनपद में तीन विधानसभा सीटों में कांग्रेस ने दो प्रत्याशियों का नामांकन करवाया, जबकि सैफ़ई परिवार की मजबूत सीट जसवंतनगर में कांग्रेस ने इस बार कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है।
नौ बार मुलायम लड़े चुनाव सात बार दर्ज की जीत -
जसवंतनगर सीट से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव पहली बार विधानसभा चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे और इसी सीट की बदौलत मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री जैसे पदों पर काबिज हुए। मुलायम सिंह यादव इस सीट पर नौ बार चुनाव लड़े और दो बार यहां से चुनाव हारे।सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव 1963 से लेकर 1993 तक एक सीट से विधायक चुने गए, इसके बाद उन्होंने यह सीट अपने छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव को दे दी। इस बार 1996 से लेकर 2017 तक शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए, वहीं से पाल सिंह यादव इस बार छठी बार विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरे हैं।
कांग्रेस जसवंतनगर से लड़ने की लड़ाई में नहीं -
कांग्रेस पार्टी द्वारा जसवंत नगर सीट पर कोई प्रत्याशी न उतारना, कोई आश्चर्य नहीं है। जसवंतनगर, समाजवादी पार्टी का मजबूत किला है। यहां पर कांग्रेस लड़ाई लड़ने की स्थिति में नहीं है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इसी वजह से कांग्रेस यहां पर कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है।
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष और जसवंत नगर से विधानसभा सीट के दावेदार मलखान सिंह यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि नेतृत्व के फैसले के अनुसार अब तक कोई प्रत्याशी नहीं है। जबकि कांग्रेसियों ने इस सीट पर बूथ लेवल पर काम किया है। लगभग 11 लोगों ने इस सीट पर चुनाव लड़ने का आवेदन भी किया था, लेकिन अब तक केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है।बताया कि जसवंतनगर सीट से वर्तमान कांग्रेस जिला अध्यक्ष मलखान सिंह यादव, सुमन, मनजीत शाक्य, चंद्रशेखर, अरुण यादव, यादवेंद्र सिंह यादव, ममता सहित अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने आवेदन किया था।
अखिलेश के खिलाफ भी उम्मीदवार ने नहीं किया नामांकन -
मैनपुरी जनपद की करहल विधानसभा सीट पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव मैदान में हैं। कांग्रेस की पहली लिस्ट में ज्ञानवती यादव को करहल सीट से प्रत्याशी घोषित किया गया था। मंगलवार को नामांकन का आखिरी दिन था। इटावा में सभी दावेदार भी तैयार थे, लेकिन लास्ट मोमेंट तक कांग्रेस हाईकमान की ओर से किसी भी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई। यहां कांग्रेस ने पहले ही प्रत्याशी घोषित कर दिया था। जबकि अखिलेश ने बाद में यहां से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। अखिलेश के नामांकन करने के बाद सूत्र बताते हैं कि हाईकमान से फोन आने पर घोषित उम्मीदवार ज्ञानवती यादव ने नहीं किया नामांकन।वहीं इस मामले पर भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत का कहना है कि सपा और कांग्रेस क्या कर रही है, इससे हमें लेना देना नहीं है। हमारा जो प्रत्याशी है विवेक शाक्य पूरी मजबूती से चुनाव लड़ेगा और जीत हासिल करेगा।