उत्‍तर प्रदेश: ...तो अब राज्यसभा की 'आसंदी' पर 'विराजेंगे' अवध के डॉ.दिनेश शर्मा एवं गोरखपुर की संगीता यादव…

267वां सत्र : उपराष्ट्रपति/सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन संचालन को उपसभापतियों के पैनल में यूपी की बढ़ाया कोटा। दिल्ली में मतदान से ठीक पहले धनखड़ की 'आप' पर 'सदाशयता', विक्रमजीत सिंह साहनी को बनाया 'डिप्टी'।;

Update: 2025-02-04 07:40 GMT

अतुल मोहन सिंह, लखनऊ। लखनऊ, गोरखपुर और उत्तर प्रदेश के लिए देश की सबसे बड़ी पंचायत के उच्च सदन से सुखद समाचार आया है। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सांसद डॉ.दिनेश शर्मा और संगीता यादव को 267वें सत्र संचालन के लिए उप सभापतियों के पैनल में सम्मिलित किया है। अब राज्यसभा की 'आसंदी' पर लखनऊ के खांटी राजनेता डॉ.दिनेश शर्मा और पूर्वांचल की चर्चित महिला नेत्री संगीता यादव को भी विराजमान होते देखा जा सकेगा।

राज्यसभा के सभापति सत्र संचालन के लिए उप सभापतियों के पैनल का समय-समय पर पुनर्गठन करते हैं। उन्होंने पुनर्गठित पैनल में उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता, युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व उप मुख्यमंत्री, लखनऊ के पूर्व महापौर, लखनऊ विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर, संप्रति राज्यसभा सांसद डॉ.दिनेश शर्मा को उप सभापति मनोनीत किया है।

उपराष्ट्रपति/सभापति ने उप सभापति के नवीन पैनल में उत्तर प्रदेश से डॉ.दिनेश शर्मा (भाजपा) एवं संगीता यादव (भाजपा), महाराष्ट्र से सुनेत्रा अजित पवार (शिवसेना), असम से सुष्मिता देव (तृणमूल कांग्रेस), हरियाणा से किरण चौधरी (भाजपा), राजस्थान से घनश्याम तिवाड़ी (भाजपा), तमिलनाडु से पी विलशन (डीएमके) एवं पंजाब से विक्रमजीत सिंह साहनी (आम आदमी पार्टी) को सम्मिलित किया है।


संगठन और सरकार के 'अर्थशास्त्र' में कारगर किरदार हैं प्रोफेसर साहब

राज्यसभा सांसद डॉ.दिनेश शर्मा को भाजपा ने संगठन और सरकार दोनों में काम करने का अवसर दिया है। योगी आदित्यनाथ सरकार 1.0 (2017-22) में उप मुख्यमंत्री के गौरवशाली दायित्व के पश्चात उच्च सदन में डॉ.शर्मा की महत्ता बढ़ने से राज्यसभा में उत्तर प्रदेश के भाजपा नेताओं की धमक बढ़ेगी। दो बार के विधान परिषद सदस्य और दो बार के ही लखनऊ के महापौर रहे डॉ.शर्मा लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग में पूर्णकालिक प्रोफेसर हैं। वह केंद्रीय युवा आयोग के सदस्य और यूपी टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। भाजपा में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तक पहुंचे डॉ.शर्मा संगठन में विभिन्न महत्व वाले दायित्व पर रहे हैं। कई राज्यों में प्रभारी, पर्यवेक्षक और चुनाव प्रभारी रह चुके हैं।

चर्चा में कम नहीं : पिछड़े वर्ग में चमकीं गोरखपुर की संगीता यादव

गोरखपुर के चौरी-चौरा की संगीता यादव भी डॉ.दिनेश शर्मा की तरह ही पहली बार उच्च सदन में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। वह विधानसभा सदस्य (2017-22) के लिए चौरी-चौरा सीट से कमल निशान पर निर्वाचित हुई थीं। 2022 के चुनाव में चौरी-चौरा सीट सहयोगी निषाद पार्टी के खाते में गई। संगीता यादव ने नेतृत्व के निर्णय का स्वागत किया। पुरस्कार उन्हें पहले राज्यसभा सदस्य और अब उच्च सदन की ’आसंदी’ के रूप में मिला है।

भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय मंत्री संगीता प्रशासनिक सेवा की तैयारी छोड़ राजनीति में आईं। उन्होंने 2009 और 2010 में आईएएस की प्रारंभिक परीक्षा पास की। मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हुईं। पति अजय कुमार मौर्य ज्वाइंट कमिश्नर (इनकम टैक्स) हैं। संगीता 2013 में भाजपा में शामिल हुईं और 2017 का चुनाव जीत 35 साल की अल्पायु में ही विधायक बन गईं। 

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