अंसारी बंधुओं के ठिकानों से ईडी को मिले अहम सुराग, हो सकते है कई बड़े खुलासे
लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार की सुबह बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी और उससे जुड़े लोगों के 11 ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी की यह कार्रवाई अब जाकर खत्म हुई है। इस दौरान ईडी लैपटॉप, मोबाइल और कई दस्तावेजों को कब्जे में लेकर निकली।
सूत्रों की मानें तो मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने बसपा सांसद अफजाल अंसारी और उनके भाई मुख्तार अंसारी के 11 ठिकानों पर एक साथ पहुंची थी। इनमें दिल्ली के अलावा लखनऊ, गाजीपुर और मऊ जनपदों में स्थित ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई शुरू की जो शुक्रवार दोपहर को खत्म हुई। टीम ने अंसारी भाइयों के अलावा उनके सहयोगी विक्रम अग्रहरी, गणेश मिश्रा और खान बस सर्विस के मालिक के ठिकानों पर भी छापा मारा था। इस दौरान सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों को घर के बाहर तैनात किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, इस कार्रवाई में ईडी के हाथ कई अवैध संपत्तियों, रेलवे और मछली ठेके से जुड़े कई दस्तावेज मिले हैं।
इनके अलावा लखनऊ के डालीबाग में ईडी ने मुख्तार के ग्लोरीज लैंड डेवलपर्स, विकास कंस्ट्रक्शन, अंसारी कंस्ट्रक्शन इंटरप्राइजेज के लेन-देन का ब्योरा खंगाला। इसमें कई जमीन और ठेकों से जुड़े लेनदेन का ब्योरा मिला। साथ ही बाबा ट्रांसपोर्ट से जुड़े दस्तावेज मिले। टीम ने यहां मिले लैपटॉप से कुछ दस्तावेज के प्रिंट आउट लेने के लिए एक प्रिंटर भी मंगाया था, जिन्हें लेकर टीम रवाना हो गई।
उल्लेखनीय है कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ मार्च 2021 में मनी लांड्रिंग का केस लखनऊ में दर्ज हुआ था। उन पर वर्ष 2020 में जाली दस्तावेज तैयार कर सरकारी जमीन पर कब्जा करने और लखनऊ में धोखाधड़ी से संपत्ति हासिल करने के अलावा धोखाधड़ी से विधायक निधि निकालने का मुकदमा दर्ज है। इन्हीं को आधार बनाकर ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया गया था।