सीएम के निर्देश के बाद बढ़ाया गया ऑक्सीजन का उत्पादन

इसके अलावा प्रदेश के 75 जिलों में 81 इकाइयां रोजाना 900 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन उत्पादन कर रही हैं।

Update: 2021-04-19 16:30 GMT

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑक्सीजन की आपूर्ति को काफी गंभीरता से लिया है। उनके निर्देश पर प्रदेश में 13 ऑक्सीजन प्लांट और लग रहे हैं। केंद्र सरकार ने भी उत्तर प्रदेश को 750 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन किया है।

इसके अलावा प्रदेश के 75 जिलों में 81 इकाइयां रोजाना 900 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन उत्पादन कर रही हैं। सीएम के निर्देश पर सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग ने ऑक्सीजन की आपूर्ति मेडिकल उपयोग में ही लाने के लिए तत्काल अफसरों की ड्यूटी लगाकर प्लांटों से समन्वय स्थापित करना शुरू कर दिया है। फिलहाल, घबराने की जरूरत नहीं है, प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है।

सीएम योगी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ऑक्सीजन की अहमियत को समझते हुए उपलब्धता को लेकर काफी पहले ही दिशा निर्देश जारी कर दिए थे, जिसके बाद प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने युद्ध स्तर पर प्रयास शुरु कर दिए थे।

परिणाम स्वरूप हाल ही में आठ राजकीय मेडिकल कॉलेजों और स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में ऑक्सीजन प्लांट के आदेश जारी कर दिए थे। इसमें राजकीय मेडिकल कॉलेज आजमगढ़, बांदा और स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय अयोध्या, बस्ती, बहराइच, राजकीय मेडिकल कॉलेज सहारनपुर, अंबेडकरनगर और स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय फिरोजाबाद में प्लांट स्थापना का कार्य जारी है।

चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि हमारी प्राथमिकता हर एक संक्रमित की जान को बचाने को लेकर है। कोरोना महामारी को देखते हुए मेडिकल कॉलेजों, संस्थानों और चिकित्सा महाविद्यालयों में युद्ध स्तर पर संसाधनों में बढ़ोतरी की जा रही है।

इसी क्रम में प्रदेश में कुल 13 ऑक्सीजन प्लांट लग रहे हैं, जिसमें पांच प्लांट डीआरडीओ राम मनोहर लोहिया लखनऊ, कैंसर इंस्टीट्यूट लखनऊ, मेडिकल कॉलेज कानपुर, आगरा और झांसी में लगा रहा है। इसके लिए भी राज्य सरकार की ओर से मंजूरी दी जा चुकी गई है।

प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन का उत्पादन :

एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि सीएम के निर्देश के बाद प्रदेश में ऑक्सीजन इकाइयों से समन्वय के लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। वह स्थानीय स्तर पर डीएम से समन्वय कर ऑक्सीजन की आपूर्ति मेडिकल उपयोग के लिए सुनिश्चित कराएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है।

दो दर्जन से ज्यादा इकाइयों की सप्लाई रोकी गई :

खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन ने हाल ही में ऑक्सीजन का उत्पादन और रीफिलिंग की क्षमता को तत्काल बढ़ाने को लेकर आदेश जारी किए थे। उनके आदेश पर कई इकाइयों ने उत्पादन और रीफिलिंग को बढ़ाया है। इसके अलावा यह सुनिश्चित किया गया है कि ऑक्सीजन की सप्लाई सिर्फ मेडिकल उपयोग में ही लाई जाए। जिसके तहत दो दर्जन से ज्यादा इकाइयों की इंडस्ट्रियल आपूर्ति रोकी गई है।

इन जिलों में हो रहा उत्पादन और रीफिलिंग :

75 जिलों में 81 इकाइयों में गौतमबुद्धनगर में एक, गाजियाबाद में एक मैन्यूफैक्चरर और 15 रीफिलर, आगरा में सात रीफिलर और एक मैन्यूफैक्चरर, मथुरा में दो मैन्यूफैक्चरर, अलीगढ़ में तीन रीफिलर एक मैन्यूफैक्चरर, कानपुर नगर में दो रीफिलर और दो मैन्यूफैक्चरर, कानपुर देहात में एक मैन्यूफैक्चरर और एक रीफिलर, लखनऊ में तीन रीफिलर और दो प्रोड्यूसर, प्रयागराज में एक मैन्यूफैक्चरर, मुजफ्फरनगर में दो मैन्यूफैक्चरर एक रीफिलर, वाराणसी में एक मैन्यूफैक्चरर, चंदौली में छह मैन्यूफैक्चरर और संतकबीरनगर में एक मैन्यूफैक्चरर इकाई है। इसके अलावा अयोध्या में एक, बाराबंकी में एक, अंबेडकरनगर में एक, फिरोजाबाद में तीन, अमेठी में दो, बरेली में तीन, बहराईच में एक, गोरखपुर में दो, झांसी में तीन, और्रैया में एक, शामली में एक, बुलंदशहर में एक, मेरठ में एक, बिजनौर में दो, मुरादाबाद में चार, मीरजापुर में एक रीफिलर ईकाई ऑक्सीजन का उत्पादन कर रही है।

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