धर्म परिवर्तन प्रतिषेध एक्ट पर मायावती ने कहा - सरकार इस पर पुनर्विचार करे

Update: 2020-11-30 06:53 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध एक्ट, 2020 को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद अब सियासी पारा चढ़ने लगा है। सोमवार को बहुजन समाज पार्टी ने सरकार से इस एक्ट पर पुनर्विचार करने की मांग की जबकि इसके पहले समाजवादी पार्टी ने दो टूक कहा कि इस तरह का कोई कानून उसे मंजूर नहीं है और इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। दूसरी तरफ मुस्लिम धर्म गुरुओं की ओर से भी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है।

बता दें कि सोमवार को बसपा अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर कहा कि लव जिहाद को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आपाधापी में लाया गया धर्म परिवर्तन अध्यादेश अनेक आशंकाओं से भरा है जबकि देश में कहीं भी जबरन व छल से धर्मांतरण को ना तो खास मान्यता और ना ही स्वीकार्यता है। उन्होंने आगे कहा कि इस संबंध में कई कानून पहले से ही प्रभावी हैं। सरकार इस पर पुनर्विचार करे, बसपा की यह मांग है।

धर्म परिवर्तन प्रतिषेध एक्ट को राज्यपाल की मिली मंजूरी

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध एक्ट, 2020 को मंजूरी दे दी है जिसमें जबरन या धोखे से धर्मांतरण कराए जाने और शादी करने पर 10 वर्ष की कैद और विभिन्‍न श्रेणी में 50 हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है। राज्‍यपाल की मंजूरी के बाद उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध एक्ट, 2020 की अधिसूचना शनिवार को जारी कर दी गई।

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