प्रवासी कामगारों के लिए रोजगार की व्यापक कार्ययोजना करें तैयार : योगी आदित्यनाथ
-औद्योगिक इकाइयों तथा इनसे मिल रहे रोजगार का विवरण किया जाए संकलित
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी कामगारों-श्रमिकों के लिए रोजगार की व्यापक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कामगारों-श्रमिकों को मनरेगा, एमएसएमई,ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, महिला स्वयं सहायता समूह, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण तथा गो-आश्रय स्थल से जोड़ते हुए रोजगार का प्रबन्ध किया जाए। दुग्ध समितियों तथा पौध नर्सरी के माध्यम से भी प्रवासी कामगारों, श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिए कि प्रदेश में संचालित औद्योगिक इकाइयों तथा इनके माध्यम से लोगों को उपलब्ध हो रहे रोजगार का विवरण संकलित किया जाए। महिला स्वयं सहायता समूह को मास्क निर्माण के साथ-साथ अचार, मुरब्बा, जैम, पापड़ आदि कार्यों से जोड़ते हुए इन्हें और प्रभावी बनाया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे यह सुनिश्चित करें कि प्रवासी श्रमिक पैदल यात्रा कर प्रदेश में न आएं। राज्य सरकार प्रवासी कामगारों व श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश वापस लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच की जाए। इसके लिए प्रत्येक क्वारंटीन सेन्टर में चिकिसकीय टीम की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
स्वस्थ होने की दशा में 14 दिन की होम क्वारंटीन के लिए श्रमिकों को घर भेजा जाए। स्वास्थ्य परीक्षण में अस्वस्थ पाए गए लोगों के उपचार की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि घर भेजे जाने वाले श्रमिकों को राशन किट उपलब्ध कराया जाए। निराश्रितों को राशन किट के साथ-साथ 1000 रुपये का भरण पोषण भत्ता भी दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने विदेश से आने वाले लोगों की चिकिसकीय जांच व एकांतवास (क्वारंटीन) के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एकांतवास केन्द्र (क्वारंटीन सेन्टर) की संख्या में वृद्धि की जाए। सामुदायिक रसोई (कम्युनिटी किचन) की संख्या बढ़ाते हुए इनके माध्यम से गुणवत्तापरक भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि लाॅकडाउन को सख्ती से लागू किया जाए। शारीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंशिंग) का कड़ाई से पालन कराया जाए। सभी जनपदों में कीटाणुशोधन का कार्य निरन्तर जारी रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल इन्फेक्शन रोकने के लिए सभी उपाय किए जाएं। भर्ती करने से पूर्व मरीज की अस्पताल में मेडिकल स्क्रीनिंग की जाए। अस्पतालों में बायो-मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के समुचित प्रबन्ध किए जाएं। संक्रमण से सुरक्षा के लिए डाॅक्टरों तथा अन्य चिकित्सा कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम निरन्तर जारी रखे जाएं। पुलिस बल को संक्रमण से बचाने के लिए पूरी सतर्कता बरती जाए। सभी चिकित्सालयों पीपीई किट, एन-95 मास्क तथा सेनिटाइजर की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। प्रदेश सरकार आयुष्मान योजना से आच्छादित अस्पतालों को अनुदानित दर पर पीपीई किट, एन-95 मास्क तथा सेनिटाइजर आदि की व्यवस्था कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ के सीडीआरआई, आईआईटीआर एवं बीएसआईपी तथा आईवीआरआई, बरेली में कोरोना की जांच का कार्य प्रारम्भ हो गया है। यह सुनिश्चित किया जाए कि इन संस्थानों को जांच कार्य से सम्बन्धित सभी संसाधन सुचारू रूप से उपलब्ध होते रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डियों में शारीरिक दूरी के पालन के साथ-साथ नियमित तौर पर कीटाणुशोधन का कार्य कराया जाए। मण्डियों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि लोग मास्क तथा ग्लव्स का प्रयोग करें। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक जनपद के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी निराश्रित गो-वंश के लिए स्थापित गो-आश्रय स्थलों का समय-समय पर निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि खनन के पट्टे जारी कर दिए जाएं। इससे मोरंग, बालू आदि को निकालने का कार्य किया जा सकेगा, जिससे राजस्व में वृद्धि होगी।