उप्र सरकार के एक फैसले से यूपी के दस लाख से ज्यादा परिवारों को राहत, जाने क्या है मजदूरों का वापस लाने का प्लान

Update: 2020-04-25 07:32 GMT

लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक फैसले से प्रदेश के 10 लाख से भी ज्यादा परिवारों को राहत मिली है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को फैसला लिया था कि दूसरे राज्यों में 14 दिन की क्वारंटीन अवधि पूरी कर चुके उत्तर प्रदेश के श्रमिकों, कामगारों और मजदूरों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाया जाएगा। । प्रदेश के सबसे ज्यादा श्रमिक महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा समेत अन्य प्रदेशों में काम करते हैं। इनकी संख्या एक मोटे अनुमान के मुताबिक 10 लाख के आसपास है।

श्रमिकों को वापस लाने की कवायद के तहत पहले चरण में शनिवार से हरियाणा से लगभग 11 हजार श्रमिक लाए जाएंगे। हरियाणा से आने वाले मजदूरों को 14 दिन के क्वारंटीन में रखने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 दिन बाद जब इन्हें घर भेजा जाए तो इनके साथ खाद्यान्न का पैकेट भी भेजा जाए। अगले 2 माह के अंदर प्रदेश में 5 से 10 लाख श्रमिकों के लौटने की सम्भावना है। ऐसे में इनके लिए शेल्टर होम्स स्थापित कर वहां क्वारंटीन की व्यवस्था की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि लोग क्वारंटीन से भागने न पाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग व टेस्टिंग कराते हुए संबंधित राज्य सरकारें इन श्रमिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू करेंगी। वे राज्य की सीमा तक इन श्रमिकों को पहुंचाएंगी। इसके बाद उन्हें बस के द्वारा इनके जिले में भेजा जाएगा। ये लोग जिस जनपद में जाएंगे, वहां 14 दिन क्वारंटीन करने के लिए पूरी व्यवस्थाएं समय से की करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने अफसरों को दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए शेल्टर होम / आश्रय स्थल को खाली कर सैनिटाइज किया जाए। शेल्टर होम पर कम्युनिटी किचन के सुचारू संचालन के लिए सभी प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं, ताकि इन लोगों के लिए ताजे व भरपेट भोजन की व्यवस्था हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि14 दिन की संस्थागत क्वारंटीन पूरी करने वालों को राशन की किट व एक हजार रुपये के भरण-पोषण भत्ते के साथ होम क्वारंटीन के लिए घर भेजने की व्यवस्था की जाए।

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