विधानसभा में गरजे सीएम योगी: समाजवादियों और वामपंथियों को महाकुम्भ में नजर नहीं आई सनातन की सुंदरता…
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बजट सत्र के पांचवें दिन महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष द्वारा महाकुम्भ का दुष्प्रचार करने पर आड़े हाथों लिया। सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष द्वारा महाकुम्भ में एक जाति विशेष को वहां जाने से रोकने की बात कही, किसी जाति को रोका नहीं गया था।
हमने कहा था कि महाकुम्भ में जो सद्भावना से जाएगा उसका स्वागत है। वह सम्मान से कुम्भ में आ सकते हैं, लेकिन जो सद्भावना से नहीं दुर्भावना से जाएगा तो उसके दुर्गति भी होगी। महाकुम्भ में अगर किसी ने अव्यवस्था पैदा करने का प्रयास किया। उसके खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। सरकार ने विपक्ष की तरह आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं किया।
महाकुम्भ में जिसने जो तलाशा उसको वह मिला... :
सीएम योगी ने कहा कि किसी ने सच कहा कि महाकुंभ में जिसने जो तलाशा उसको वह मिला है। महाकुम्भ में गिद्धों को केवल लाश मिली है, सुअरों को गंदगी मिली, संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली, आस्थावान को पुण्य मिला, सज्जनों को सज्जनता मिली, गरीबों को रोजगार मिला, अमीरों को धंधा मिला, श्रद्धालुओं को साफ सुथरी व्यवस्था मिली, पर्यटकों को व्यवस्था मिली, सद्भावना वाले लोगों को जाति रहित व्यवस्था मिली, भक्तों को भगवान मिले।
इससे साफ है कि सब ने अपने स्वभाव और चरित्र के अनुसार चीजों को देखा है। एक ही घाट पर सभी जाति वर्ग के तीर्थ यात्री बिना भेदभाव के नहाते रहे। सनातन की सुंदरता आखिर समाजवादी और वामपंथियों को कैसे नजर आएगी।
किसी ने सच कहा है कि महाकुम्भ में जिसने जो तलाशा, उसको वह मिला-
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 24, 2025
गिद्धों को केवल लाश मिली
सूअरों को गंदगी मिली
संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली
आस्थावान को पुण्य मिला
सज्जनों को सज्जनता मिली
भक्तों को भगवान मिले... pic.twitter.com/Z4sXsQCJav
वहीं इनके द्वारा लगातार किए जाने वाले प्रश्न, उनकी नियत को ही संदेह के दायरे में खड़ी करती है। यह टिप्पणी अचानक नहीं है, यह भारत की टिप्पणी है और भारत की भावनाओं की टिप्पणी है। जो स्वयं कुछ नहीं कर सकते थे, जिन लोगों ने अपने समय में इस पूरे आयोजन को अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का शिकार बनाया था, आज वह महाकुम्भ पर इस प्रकार की टिप्पणी करके भारत की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रहे हैं।
मैं तो केवल इस बारे में एक बात कहना चाहूंगा कि महाकुम्भ ने पूरी दुनिया को भारत की सनातन एकता का संदेश दे करके प्रधानमंत्री के एक भारत श्रेष्ठ भारत के विजन को चरितार्थ करके दिखा दिया है।