स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू धर्म को बताया धोखा, समाजवादी पार्टी ने बयान से किया किनारा, भाजपा ने आड़े हाथ लिया
भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य और उदयनिधि स्टालिन जैसे लोग सनातन धर्म और हिंदू धर्म का अपमान कर रहे हैं।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के स्वामी प्रसाद के विवादित बयान से जहां एक तरफ उनकी समाजवादी पार्टी ने किनारा कर लिया वहीं भाजपा के नेताओं ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बयान में कहा था कि 'हिंदू एक धोखा है।’ उन्होंने सोमवार को यह बयान जंतर मंतर पर दिया था।
मौर्या ने कहा कि "हिंदू एक धोखा है। ये कोई धर्म नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। पीएम मोदी ने भी कहा है कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी ऐसा बयान दे चुके हैं। जब ये लोग ऐसे बयान देते हैं तो भावनाएं आहत नहीं होतीं। लेकिन, अगर यही बात स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं तो अशांति फैलती है।''
सपा ने किया किनारा -
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर समाजवादी पार्टी की नेता व सांसद डिंपल यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य का यह व्यक्तिगत बयान है। यह पार्टी की सोच नहीं है। इससे पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। दीगर है कि इस तरह के बयान देने से समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव मना करते रहे हैं। इसके बावजूद इस तरह के बयान आने के बाद भाजपा नेताओं ने आड़े हाथ ले लिया है।
भाजपा ने घेरा -
भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य और उदयनिधि स्टालिन जैसे लोग सनातन धर्म और हिंदू धर्म का अपमान कर रहे हैं। स्वामी प्रसाद ने बहुत कुछ बोला है। सुशील कुमार ने यह भी कहा है कि रामचरितमानस के बारे में स्वामी प्रसाद मौर्य का मानना है कि हिंदू धर्म को गाली देकर उन्हें पिछड़े समुदाय के वोट मिलेंगे लेकिन वे भूल जाते हैं कि पिछड़े समुदाय के लोग भगवान राम और भगवान कृष्ण को दूसरों से ज्यादा पूजते हैं। ऐसे बयान देने के बाद उन्हें आगामी चुनावों में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने सोशल मीडिया एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि चाहे स्वामी प्रसाद मौर्य हों या आएनडीआई गठबंधन का कोई भी नेता, वे 'धर्म' का अर्थ नहीं समझते। उनकी विचारधारा तुष्टीकरण पर आधारित है और यह वोटों के लिए किया जाता है।