कभी 'कांग्रेस सिंह' के नाम से मशहूर रहे 'स्वतंत्र देव' बने योगी सरकार में मंत्री
लखनऊ। धीर-गंभीर एवं मिलनसार स्वभाव के धनी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह कुशल रणनीतिकार भी है। संघ से स्वयंसेवक के तौर पर जुड़ने के बाद प्रचारक हो गए।
स्वतंत्र देव सिंह ने राजनीति के मैदान में कदम रखा तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखाओं में एक दूसरे को जोड़ने की कला का जमकर उपयोग किया। सामान्य जीवन में ही नहीं बल्कि राजनीति के मैदान में भी स्वतंत्र देव सिंह का कोई विरोधी नहीं है। अपने तीखे भाषणों से विरोधी दलों पर जहां हमलावर रहते हैं, वहीं सामने यदि कोई विरोधी मिल गया तो अपने हाव भाव और भाषा से उसे पल भर में अपना बना लेते हैं । यहीं वजह है कि स्वतंत्र देव सिंह आज तक कभी किसी के सामने पराजित नहीं हुए हैं।
स्वतंत्र देव सिंह का निजी जीवन -
मीरजापुर जिले के जमालपुर ब्लाॅक के ओड़ी गांव निवासी व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव उर्फ कांग्रेस सिंह के पिता अल्लर सिंह खांटी किसान थे। स्वतंत्र देव सिंह तीन भाई और दो बहनों में सबसे छोटे हैं। स्वतंत्र देव सिंह का नाम माता-पिता ने कांग्रेस सिंह रखा था लेकिन भाजपा की राजनीति से जुड़ने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया।उनके बड़े भाई दलजीत सिंह व श्रीपति सिंह हैं। उनकी जूनियर हाई स्कूल तक की शिक्षा गांव के ही प्राइमरी स्कूल में हुई है। हाई स्कूल की शिक्षा देवकली इंटर काॅलेज मठना से उत्तीर्ण करने के बाद रामनगर से इंटर की शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद उरई में सिपाही के पद पर तैनात बड़े भाई श्रीपति सिंह के पास चले गए। कानपुर विश्वविद्यालय से एमएससी की शिक्षा ग्रहण की।
बचपन से ही रहे हैं स्वयंसेवक -
स्वतंत्र देव सिंह बचपन से ही संघ के स्वयं सेवक रहे हैं। उन्हें1986 में प्रचारक नियुक्त किया गया। इसके बाद 89 में विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बना दिए गए। 2001 में युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और 2004 में विधान परिषद सदस्य के साथ ही प्रदेश भाजपा के महामंत्री नियुक्त किए गए। 2010 में प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए। संगठन के कार्यों में माहिर स्वतंत्र देव सिंह को 2012 में फिर प्रदेश महामंत्री बनाया गया।
पीएम मोदी के खास होने से बढ़ा कद
स्वतंत्र देव सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी नजदीकी हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में ही पार्टी की तरफ से स्वतंत्र देव सिंह को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैलियां कराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। संघ के स्वयंसेवक और कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय रहे स्वतंत्र देव सिंह रैली के एक सप्ताह पहले ही उस स्थान पर डेरा डाल देते थे और छोटे कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रैली के लिए भीड़ और अन्य व्यवस्थाएं बेहतर बनाने में जुट जाते थे। स्वतंत्र देव सिंह की यह कार्यशैली मोदी को काफी पंसद आई। उन्होंने स्वतंत्र देव सिंह को न केवल भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनवाया बल्कि लोकसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश का प्रभारी भी नियुक्त किया। मोदी की अपेक्षाओं पर खरा उतरते हुए वे मध्य प्रदेश से बेहतर सीट दिलाने में सफल रहे।
विस चुनाव में भी निभाई थी अहम भूमिका -
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह 2017 के विधानसभा चुनाव में भी अहम भूमिका निभाई थी। प्रदेश भाजपा की तरफ से सपा सरकार के खिलाफ पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में धरना-प्रदर्शन कर लोगों को भाजपा के पक्ष में करने में सफल रहे। सपा सरकार के खिलाफ मुखर रहे स्वतंत्र देव सिंह को जब 2017 के मार्च महीने में मीरजापुर कलक्ट्रेट पर धरना देने से रोका गया तो वे पुलिस लाइन के पास सड़क पर कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए और सभा की।