लखनऊ। लखनऊ नगर निगम में शामिल हुए 88 नए गांवों में जल्द ही नगर निगम की सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएगी। ग्राम पंचायत से बाहर हुए गांवों का नगर निगम ने अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया है। सड़क-नाली आदि जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सर्वे शुरू हो गया है। विकास कार्य के लिए शासन से बजट की मांग होगी। राज्य वित्त आयोग से अतिरिक्त धन मुहैया कराने के लिए इसी माह मांग पत्र भेज दिया जाएगा।
88 गांवों को नगर निगम में शामिल करने के लिए नगर विकास विभाग से तो नोटिसफिकेशन जारी कर दिया था लेकिन पंचायती राज विभाग से डी-नोटिफिकेशन जारी न होने से यह गांव मजधार में लटके पड़े थे। इस असमंजस को पंचायती राज विभाग ने दूर कर दिया है। एक पत्र जारी कर कहा है कि एक नवम्बर से 88 गांव नगर निगम के हवाले रहेंगे। इसी पत्र को आधार मानकर नगर निगम ने अधिग्रहण की कवायद शुरू कर दी।
88 गांवों में सरकारी जमीनों को खंगालने का काम शुरू हो गया है। तहसीलों से अभिलेखों को कब्जे में लिया जा रहा है। नगर निगम की तहसीलदार सविता शुक्ला ने कहा कि सरकारी जमीनों को बाड़ लगाकर सुरक्षित किया जाएगा। जिन जमीनों पर कब्जा होगा उसे खाली कराया जाएगा। अभिलेखों के आधार पर जमीनों को चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया गया है।