UP Election 2020: भाजपा से चेहरा घोषित होते ही चढ़ा बीकेटी का सियासी पारा
भाजपा ने अपने सिटिंग विधायक अविनाश त्रिवेदी का टिकट काट कर योगेश शुक्ला को अपना प्रत्याशी घोषित...
लखनऊ (संतोष कुमार सिंह): कई दिनों से सस्पेंस में रहे बीकेटी विधानसभा सीट से आखिरकार भाजपा और सपा ने मंगलवार को अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी। भाजपा ने अपने सिटिंग विधायक अविनाश त्रिवेदी का टिकट काट कर योगेश शुक्ला को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं समाजवादी पार्टी ने अपने पुराने सिपाही व तीन बार विधायक रहे गोमती यादव को चुनावी मैदान में उतारा है। मंगलवार देर रात तक बीजेपी ने लखनऊ की सभी नौ सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषण कर दी। वहीं सपा ने अपनी सूची दोपहर को ही जारी कर दिया था। खास बात यह है कि सरोजनीनगर से सीट से सपा ने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं।
लखनऊ बक्शी का तालाब विधानसभा सीट से चार प्रमुख राजनीतिक पार्टियों भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार दिये हैं। इसके साथ ही यहां का सियासी पारा चढ़ने लगा है। समाजवादी पार्टी ने बीकेटी विधानसभा सीट से गोमती यादव को चुनावी मैदान में उतारा है। गोमती यादव 1991 और 1996 में भाजपा के टिकट से विधायक रह चुके हैं। जबकि 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा का दामन छोड़कर सपा में शामिल हुए गोमती यादव को यहां की जनता ने तीसरी बार विधायक चुना था। समाजवादी पार्टी ने 2022 में भी गोमती पर अपना विश्वास जताया है।
इस विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने अपने सिटिंग विधायक अविनाश त्रिवेदी का टिकट काट कर योगेश शुक्ला को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। योगेश शुक्ला को चुनाव मैदान में उतार कर भाजपा ने यहां के ठाकूर और ब्राह्मण वोट को साधने की कोशिश की है। योगेश शुक्ला भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष रहे हैं और बीकेटी क्षेत्र के ही रहने वाले हैं। वहीं कांग्रेस ने इस विधानसभा सीट से लल्लन कुमार को टिकट दिया है। लल्लन कुमार ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है। लल्लन कुमार को चुनाव मैदान में उतार कर कांग्रेस ने युवा मतदाताओं को अपनी ओर आकर्शित किया है।
वहीं बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व राज्यमंत्री रहे सलाउद्दीन सिद्किी को चुनाव मैदान में उतार कर अपने कोर वोटरों के साथ-साथ मुस्लिम वोटरों को भी अपने पाले में लाना चाहती है। चार प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार अपने वोटरों पर किस प्रकार प्रभाव डालेंगे यह तो भविष्य के गर्व में है लेकिन मंगलवार की रात से बक्शी का तालाब विधानसभा का सियासी पारा चढ़ गया है।