लखनऊ: महिलाओं का ‘संकटमोचक’ वन स्टॉप सेंटर का होगा विस्तार, खुलेंगी 17 नई यूनिट...

75 जिलों में 79 वन स्टॉप सेंटर है संचालित, आकस्मिक सेवा के लिए प्रत्येक सेंटर पर है एक वाहन की व्यवस्था;

Update: 2025-04-09 12:19 GMT
महिलाओं का ‘संकटमोचक’ वन स्टॉप सेंटर का होगा विस्तार, खुलेंगी 17 नई यूनिट...
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लखनऊ। योगी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। महिला कल्याण मंत्री बेबी रानी मौर्य ने 'स्वदेश' को बताया कि केंद्र सरकार के साथ कदम मिलाकर कर चल रही योगी सरकार ने ‘वन स्टॉप सेंटर’ योजना का विस्तार करते हुए राज्य में 17 नई इकाइयों की स्थापना करने जा रही है।

यह पहल हिंसा से पीड़ित महिलाओं को तत्काल सहायता और समग्र समर्थन प्रदान करने की दिशा में योगी सरकार का महत्वपूर्ण कदम है। यह विस्तार प्रदेश की बड़ी जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए किया गया है, ताकि संकटग्रस्त महिलाओं तक मदद की पहुंच सुनिश्चित हो सके।

वन स्टॉप सेंटर में महिलाओं के लिए एक छत के नीचे मिल रहा समस्या का समाधान : मंत्री बेबी रानी मौर्य ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर योजना की शुरुआत 2015-16 में केंद्र सरकार की शत-प्रतिशत वित्त पोषण के तहत हुई थी। शुरुआती वर्षों में यूपी में जमीन तलाश रही इस योजना को 2017 के बाद सीएम योगी के नेतृत्व में गति मिली, इसे महिला एवं बाल विकास विभाग प्रभावी रूप से संचालित कर रही है।

इस योजना के तहत हिंसा की शिकार महिलाओं को अल्पकालिक प्रवास, चिकित्सा सहायता, परामर्श, विधिक सहायता और पुलिस सहायता जैसी सभी सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जाती हैं। 75 जिलों में 79 वन स्टॉप सेंटर संचालित हैं, जो अब तक 2.10 लाख मामलों में महिलाओं और बालिकाओं की मदद कर चुके हैं। यह केंद्र महिलाओं के लिए ‘संकटमोचक’ की भूमिका निभा रहे हैं, जो उन्हें न केवल तत्काल राहत प्रदान करते हैं, बल्कि उनके पुनर्वास और सामाजिक एकीकरण में भी सहायक हैं।

17 नई इकाइयों से पीड़ित महिलाओं तक पहुंच होगी और भी आसान : मंत्री बेबी रानी मौर्य ने बताया कि भारत सरकार ने यूपी की विशाल जनसंख्या और जरूरतों को देखते हुए 17 अतिरिक्त वन स्टॉप सेंटर की स्थापना की मंजूरी दी है। इनमें लखनऊ में 2, वाराणसी में 2, प्रयागराज में 2 और खीरी में 2 नई इकाइयां शामिल हैं। बरेली, कानपुर नगर, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, गोरखपुर, सहारनपुर, झांसी, आगरा, और बिजनौर में एक-एक नया केंद्र खोला जाएगा।

इन केंद्रों की स्थापना की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है, ताकि जरूरतमंद महिलाओं को शीघ्र लाभ मिल सके। इसके साथ ही, फरवरी 2025 से हर वन स्टॉप सेंटर पर आपातकालीन सेवाओं के लिए एक वाहन की व्यवस्था भी की गई है, जो पीड़ितों तक त्वरित मदद पहुंचाने में सहायक साबित हो रही है।

10 वर्षों में 2.10 लाख महिलाओं एवं बालिकाओं को मिली सहायता : मंत्री बेबी रानी मौर्य ने 'स्वदेश' को बताया कि वन स्टॉप सेंटर की सफलता इसके आंकड़ों में साफ दिखती है। 10 वर्षों में 2.10 लाख से अधिक मामले संदर्भित हो चुके हैं, जिसमें हजारों महिलाओं बालिकाओं को नई जिंदगी मिली है। नई इकाइयों के साथ यह संख्या और बढ़ेगी, खासकर उन क्षेत्रों में जहां अभी तक इस सुविधा की कमी थी। वाहन की व्यवस्था से आपात स्थिति में प्रतिक्रिया समय में सुधार होगा, जो महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करेगा। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में वन स्टॉप सेंटर योजना को मजबूत करने के प्रयास जारी हैं। 

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