उप्र : सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के आरक्षण को लागू करने के निर्देश

Update: 2020-09-09 10:02 GMT

लखनऊ। शासन ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को निर्देशित किया है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम-2020 का अनुपालन करें। अधिनियम में लोक सेवाओं और पदों में सीधी भर्ती में दस फीसदी रिक्तियां आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित किए जाने का प्रावधान किया गया है।

अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंहल ने मंगलवार को इस अधिनियम का अनुपालन कराने के लिए सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव को पत्र लिखा है। पत्र के साथ उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा 31 अगस्त 2020 को किए गए सरकारी गजट को संलग्न किया है। गजट में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आरक्षण दिए जाने के दिशा-निर्देश विस्तार से दिए गए हैं।

भारत सरकार ने सिविल पदों और सेवाओं में आर्थिक रूप से कमोजर वर्गों के लिए 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था 19 जनवरी 2019 को कर दी थी। राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को दस फीसदी आरक्षण दिए जाने के लिए विधि बनाने का फैसला लिया था। जिसके बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) विधेयक-2020 बनाया गया।

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