किसानों की प्रगति जिन्हें पसंद नहीं, वह किसानों को गुमराह कर रहे : मुख्यमंत्री योगी
बरेली/लखनऊ । कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आन्दोलन को लेकर नेताओं की प्रतक्रिया सामने आ रही है। इसी कड़ी में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों की आड़ में राजनीति करने वालों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा की देश में एमएसपी वापस लेने के नाम पर राजनीति की जा रही है, जबकि सरकार ने हाल ही में एमएसपी बढ़ाई है। इसके बावजूद भारत की आस्था से खिलवाड़ करने वाले गुमराह करने वाले लोगों को ये बुरा लग रहा है। वहीं उन्होंने राम मंदिर निर्माण को लेकर भी विपक्ष पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि 2014 में देश पूरी दुनिया में पिछलग्गू बना हुआ था। लेकिन, अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। दुनिया जब कोरोना से परेशान थी तब किसान खेतों में फसल तैयार कर रहे थे, लेकिन अब प्रधानमंत्री के विरोधी किसानों को गुमराह कर रहे हैं। वहीं उन्होंने राम मंदिर निर्माण को लेकर भी विपक्ष पर निशाना साधा।मुख्यमंत्री ने ये बात बरेली में 972 करोड़ की 11 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास के मौके पर कहीं।
किसानों की प्रगति विपक्ष को जिन्हें पसंद नहीं -
उन्होंने कहा कि हम सत्य बोलने और सत्य के मार्ग का अनुसरण करने में कोई संकोच नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सामने यही कह रहे हैं। जिन्हें किसानों के जीवन में परिवर्तन अच्छा नहीं लगता, वह आज विरोध कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि हम किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन करेंगे और इसके लिए खेत से लेकर खलिहान तक और बीज से लेकर बाजार तक एक चेन डेवेलप करेंगे, जो किसानों की आमदनी को 2022 तक दोगुना करने का काम करेगी।
'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के विरोधियों को हो रही चिढ़ -
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चिढ़ उन लोगों की है जिन्हें यह पसंद नहीं कि हमारा देश 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' बनने की ओर अग्रसर हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में कहा था कि हम गरीबों, किसानों, नौजवानों, महिलाओं और समाज के लिए काम करेंगे। लोगों को रसोई गैस का कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, प्रधानमंत्री आवास योजना, हर गरीब को शौचालय, आयुष्मान भारत में हर एक गरीब को पांच लाखा के स्वास्थ्य बीमा का कवर आदि लाभ देने का कार्य प्रति पूरी प्रतिबद्धता और ईमानदारी के साथ किया गया। वहीं दूसरे कार्यकाल में भी लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
सरकार पहले ही कह चुकी 'एमएसपी वापसी का सवाल नहीं' -
उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में धरने को लेकर कहा कि एक जगह धरना चल रहा है और धरने में मांग हो रही है कि हमें न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी मिलनी चाहिए। इस पर भारत सरकार ने कहा कि एमएसपी तो हम दे ही रहे हैं, इसे वापस लेने का कोई सवाल नहीं होता है। सरकार ने कानून बनने के बाद इसमें बढ़ोत्तरी की।
अयोध्या जाने में डरता था विपक्ष, अब परेशान -
उन्होंने कहा कि जिन्हें ये बर्दाश्त नहीं है कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है, आज वो लोग परेशान हैं। यह लोग मामले को लटका भटका देते थे और हर स्तर पर प्रयास करते थे कि कहीं भी किसी भी व्यक्ति को इस मुद्दे को उठाने की छूट ना दी जाए। विपक्ष अयोध्या जाने में डरता था। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कार्यक्रम में शामिल माननीयों के नाम में 'राम' शब्द शामिल होने का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे पूर्वज कितने महान थे। कहीं ना कहीं अपने नाम के आगे या नाम के पीछे राम शब्द रखते थे।
उन्होंने कहा कि ये हमारे पूर्वजों की सोच है। राम के प्रति सनातन आस्था को व्यक्त करने का भाव है और भारत की इस आस्था पर प्रहार करने वाले लोग नहीं चाहते थे कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनें। उन्होंने कहा कि वहीं हमारा किसान जब मिलता है तो एक दूसरे से 'राम राम' ही कहता है। वहीं अगर प्रियजन गुजर गए तो 'राम नाम सत्य' कह कर अंतिम यात्रा भी निकालते हैं। इस तरह पूरा जीवन, जन्म से लेकर अंतिम यात्रा तक एक शब्द हमारे साथ मंत्र के रूप में चलता है और वह राम का शब्द है। उन्होंने कहा कि इसी राम को हम से अलग करने की साजिश हो रही थी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने अयोध्या में आकर इस कार्य का शुभारंभ किया, विपक्ष को इस बात की भी परेशानी है।