भगवान भरोसे जिला अस्पताल: तड़प कर मर रहे मरीज, रिश्वत के हिस्से के लिए CMS के सामने हाथापाई

अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के सामने उनके कमरे को ही ऑक्सीजन कंट्रोल रूम इंचार्ज और एक चिकित्सक ने दंगल बना दिया। लगभग 40 मिनट तक हंगामा हुआ।

Update: 2021-05-03 06:43 GMT

बहराइच, अतुल चंद्र अवस्थी: महर्षि बालार्क जिला अस्पताल में मरीज तड़प तड़प कर दम तोड़ रहे हैं, लेकिन मरीजों की दवा और ऑक्सीजन की कालाबाजारी की जा रही है। कालाबाजारी में संलिप्त कुछ चिकित्सकों और कर्मचारियों को इसका खौफ भी नहीं है। जिसके चलते अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के सामने उनके कमरे को ही ऑक्सीजन कंट्रोल रूम इंचार्ज और एक चिकित्सक ने दंगल बना दिया। लगभग 40 मिनट तक हंगामा हुआ। चिकित्सक और ऑक्सीजन कंट्रोल रूम इंचार्ज ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप मढे, हाथापाई भी की। लेकिन सीएमएस ने फटकारा तक नहीं। जबकि ऑक्सीजन कंट्रोल रूम इंचार्ज पर पहले से भ्रष्टाचार के मामले हैं। जांच कमेटी गठित है। ऐसे पूरी व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है।

जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 25 से 30 मौतें हो रही हैं। लेकिन कागजों पर आंकड़े बाजी चल रही है। मौतों का कारण कभी ऑक्सीजन की कमी तो कभी दवा और समय से इलाज न मिल पाने की है। इस मामले में अस्पताल प्रशासन पर निरंतर उंगलियां उठ रही है। आरोप यह भी है कि मरीजों के हिस्से की दवा, ऑक्सीजन आदि की कालाबाजारी की जा रही है। इस कालाबाजारी मैं नीचे से ऊपर तक अस्पताल प्रशासन के कई जिम्मेदारों का हिस्सा लगता है। सूत्र बताते हैं कि इसी हिस्से को लेकर रविवार दोपहर बाद अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कक्ष में सीएमएस डॉ डीके सिंह हिसाब किताब कर रहे थे। मौके पर ऑक्सीजन कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी संभाल रहे रिजवान अली और चिकित्सक डॉ आशीष अग्रवाल तथा अन्य कर्मचारी मौजूद थे। इसी दौरान रिजवान और डॉक्टर आशीष एक-दूसरे से उलझ गए। सीएमएस डॉ डीके सिंह के सामने ही दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के गंभीर आरोप लगाए। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ डीके सिंह अपनी कुर्सी पर बैठे रहे उन्होंने टेबल के सामने हाथापाई कर रहे डॉ आशीष और रिजवान को टोका तक नहीं फटकारने की बात तो दूर रही। लगभग 40 मिनट सीएमएस कक्ष दंगल रूम में परिवर्तित रहा। इस बीच किसी ने सीएमएस दंगल रूम का वीडियो वायरल कर दिया। तब स्वास्थ्य महकमे में फिर हड़कंप मचा । आप सभी अपने-अपने तरीकों से मामले से किनारा करने में जुट गए हैं। 

भ्रष्टाचार के आरोपी को बनाया कंट्रोल रूम इंचार्ज

रिजवान अली जिला अस्पताल में राष्ट्रीय हेल्थ मिशन के तहत हेल्प डेस्क मैनेजर के पद पर तैनात हैं। उन पर पर किसी एक नहीं निवासी संजय बाजपेई और सिविल लाइन निवासी अनुराग सिंह ने मार्च माह में भ्रष्टाचार, अवैध धन उगाही और शोषण करने का आरोप लगाया था। इस मामले में राष्ट्रीय हेल्थ मिशन की निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने सीएमओ को जांच के निर्देश दिए थे। सीएमओ ने इस मामले में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विष्णु देव प्रसाद, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अजीत चंद्रा और डॉक्टर अनिल कुमार को 12 मार्च को जांच सौंपी है। ऐसे में सवाल उठता है कि भ्रष्टाचार के आरोपी हेल्पडेस्क मैनेजर रिजवान अली को अति संवेदनशील और जिम्मेदारी वाले ऑक्सीजन कंट्रोल रूम में कैसे तैनात कर दिया गया।

सूचना विभाग बता रहा वीडियो पुराना, सीएमएस बोले वीडियो कल दिन का

जिले में भ्रष्टाचार की जड़े कहां तक पैबस्त हैं यह भी इसी घटना से उजागर हो रहा है। दिन में सीएमएस रूम भ्रष्टाचार के आरोपों का दंगल बना। देर रात वीडियो वायरल हुआ। और रात 1:53 बजे सूचना कार्यालय की ओर से स्कैन पत्र सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया। पत्र में सीएमएस कार्यालय में दंगल करने वाले डॉ आशीष अग्रवाल और रिजवान अली की ओर से सफाई दी गई है की वीडियो पुराना है। ऐसी कोई घटना ही नहीं हुई। जबकि स्वदेश से बातचीत में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ डीके सिंह ने स्वीकार किया है की पूरी घटना कल दिन की है।

किसी मामले को लेकर की थी हॉट टाक, बाद में फटकारा

भ्रष्टाचार का कोई मामला नहीं है। किसी बात को लेकर दो कर्मचारी आपस में भिड़ गए थे। हॉट टाक करने लगे थे उन्हें बाद में फटकारा। कोई विशेष बात नहीं है। भ्रष्टाचार के आरोपी रिजवान की ड्यूटी लगाने के मामले में पहले तो सीमएस से इनकार किया फिर हिचकते हुए बोले क्या करें कर्मचारियों की कमी है रिजवान को थोड़ी बहुत जानकारी है इसलिए ड्यूटी ऑक्सीजन कंट्रोल रूम में लगाया है। सीएमएस ने ने यह भी स्वीकार किया कि घटना दिन में हुई थी। उन्होंने दोनों कर्मचारियों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने के मामले में चुप्पी साध ली।    

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