आक्सीजन सिलेंडर बने ब्लैक फंगस की वजह, कारण जानकर हो जाएंगे हैरान
आक्सीजन की कमी भी खूब हुई। जिस कारण इंडस्ट्री से भी आक्सीजन के सिलेंडर मंगाने पड़े। बस यहीं सिलेंडर अब ब्लैक फंगस की वजह बन गए हैं।
मेरठ: कोरोना संक्रमण पिछली बार भी बरपा चुका है। उस दौरान भी इलाज के दौरान मरीजों को स्टेराइड दिया गया था और शुगर के मरीज भी काफी थे। लेकिन इस बार ऐसा क्या हुआ जो ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या लगातार बढती जा रही है। चिकित्सीय जांच में जो निष्कर्ष निकलकर आया वह काफी चौकाने वाला है।
पिछली बार 2020 में कोरोना संक्रमित मरीजों को इतनी बड़ी संख्या में आक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी थी। लेकिन इस बार अस्पताल में भर्ती 80 प्रतिशत मरीजों को आक्सीजन की जरूरत पड़ी। आक्सीजन की कमी भी खूब हुई। जिस कारण इंडस्ट्री से भी आक्सीजन के सिलेंडर मंगाने पड़े। बस यहीं सिलेंडर अब ब्लैक फंगस की वजह बन गए हैं। इंडस्टियल आक्सीजन सिलेंडरों ने भले ही कोविड मरीजों की जान बचाई लेकिन इस प्रदूषण मरीजों के नाक में पहुंचाकर ब्लैक फंगस का कारण बन गया। कोरोना संक्रमण में अफरा-तफरी की वजह से आक्सीजन एवं नाइट्रोजन सिलेंडरों को पूरी तरह साफ किए बिना आक्सीजन भरकर अस्पतालों में भेजनी पड़ी। सिलेंडरों की सफाई ठीक से न होना भी ब्लैक फंगस बना सकता है।
कोरोना संक्रमण के भर्ती मरीजों को जब आक्सीजन की जरूरत पड़ने लगी तो उसकी पूर्ति के लिए सरकार ने औद्योगिक सेक्टर में दी जाने वाली आक्सीजन आपूर्ति रोक दी। पूरी आक्सीजन अस्पतालों में भेजने का आदेश जारी कर दिया।
उद्यमियों के पास मेडिकल आक्सीजन के सीमित सिलेंडर थे। आक्सीजन की भारी डिमांड देखते हुए जहां लोगों ने इसे घर पर जमा करना शुरू कर दिया, वहीं उद्योगों में प्रयोग होने वाले आक्सीजन, नाइट्रोजन, आर्गन व नाइट्रोजन गैसों के सिलेंडरों में गैस भरकर अस्पतालों में पहुंचाना पड़ा।
उद्योगों में प्रयोग किए जाने वाले सिलेंडरों की सफाई जरूरी नहीं होती, लेकिन इसे अस्पतालों में भेजने से पहले पूरी तरह कीटाणु रहित नहीं किया जा सका। पुराने एवं गोदाम में रखे गए सिलेंडरों को तत्काल आक्सीजन आपूर्ति में इस्तेमाल किया गया। इंडस्टियल आक्सीजन की शुद्धता 85-90 फीसद होती है। जिसकी आपूर्ति अस्पतालों में करनी पड़ी, जबकि मेडिकल आक्सीजन 95 फीसद से ज्यादा शुद्ध होनी चाहिए।
डाक्टरों का कहना है कि आक्सीजन आपूर्ति की पाइपलाइन व ह्यूमिडीफायर में फंगस जमा होने व कंटेनर में साधारण पानी का प्रयोग करने से भी बीमारी बढ़ी। कंटेनर की अशुद्धता और अन्य वजहों से भी ब्लैक फंगस फैला है।