यूपी बजट-सफलता के यौगिक का अणु सूत्र

डॉ अतुल गोयल

Update: 2024-02-05 20:38 GMT

रसायन विज्ञान में यौगिक, वह शुद्ध पदार्थ है जो रासायनिक रूप से दो या दो से अधिक तत्वों के एक निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोग से बने होते हैं।राजनीति में जिस शासक को ज्ञान, कौशल, शक्ति और सामर्थ्य के साथ धर्म और आचरण भी हो उसे योगी कहते हैं।भारत में पुरातन काल से ऋषि पर परा रही है, ऋषियों को राजाओं से अधिक स मान और स्थान मिलता था। जो राजा अपना राज धर्म निभाने में असफल रहते थे उन्हें ऋषि परशुराम अपनी कुल्हाड़ी से मोक्ष प्रदान कर देते थे।उत्तर प्रदेश के बजट में भारत की महान संस्कृति के गौरव गाथा की स्पष्ट झलक दिखाई देती है।अखण्ड भारत के चक्रवर्ती सम्राट हर्ष वर्धन, अपने राज्य के समस्त बजट- अतिरेक को प्रतिवर्ष, माघ मेले के साधूँ, संन्यासी, भिक्षुक, इच्छुक और याचकों को दान कर देते थे, कहा जाता है कि माघ मेले में दान देने की पर परा वहीं से प्रार भ हुई।राज ऋषि योगी ने भी उत्तर प्रदेश के बजट में, सामाजिक सुरक्षा के लिए पिछड़ा, दलित, वंचितों पर हाथ खोलकर, संसाधन खर्च किए हैं। केन्द्र सरकार की हर उस योजना में जिसमें कि आधे से अधिक योगदान राज्य सरकार को करना होता है, स्वीकार किया गया और उसके लिए बजट का प्रावधान किया गया है।उत्तर प्रदेश के बजट का सबसे बड़ा आश्चर्य 24,863.57 करोड़ की नई योजनाओं का एलान है। उत्तर प्रदेश को एक बीमार राज्य माना जाता था, प्रधानमंत्री के भारत के 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के विजन के साथ जब योगी ने 1 ट्रिलियन, उत्तर प्रदेश का विजन प्रस्तुत किया तो विरोधियों ने बड़ा मज़ाक़ बनाया था, लेकिन आज उत्तर प्रदेश के 7.36 लाख करोड़ के बजट के साथ, आधारभूत संरचनाओं सहित पुंजीभूत क्षेत्र पर 2.03 लाख करोड़ के खर्च से यह बहुत आसान प्रतीत होने लगा है।प्राचीन भारत की अर्थव्यवस्था में पर्यटन, देशाटन को ज्ञान अर्जन के साथ ही साथ आर्थिक संचालन के लिए आवश्यक माना जाता था। जैसे ही माता पिता अपने बच्चों का विवाह संस्कार स पन्न करके वृद्धाश्रम में प्रवेश करते थे तो उनके लिए तीर्थ और देशाटन की व्यवस्था की जाती थी। योगी सरकार ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए इसी सूत्र का इस्तेमाल किया। सर्वाधिक बजट आवंटन, पर्यटन और विशेष रूप से धार्मिक पर्यटन के लिए आवंटित किया गया हैं। योगी सरकार ने सामाजिक सेवाओं पर प्रत्यक्ष हस्तांतरण के साथ हवाई यात्रा को सुगम बनाने 11000 करोड़ और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार पर 7700 रुपये खर्च किए हैं।

400 करोड़ रुपये से प्रदेश के वाराणसी में, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के मेडिकल कॉलेज का भी प्रस्ताव इसमें शामिल है। उत्तर प्रदेश के बजट का दूसरा आश्चर्य, राजकोषीय घाटे को 3.46त्न तक गिराना है। कोरोना के पश्चात, राज्य सरकार ने बहुत तेज़ी से राजकोषीय घाटे को नियंत्रित कर लिया, 22-23 के बजट में यह 3.96 और 23-24 में यह 3.48 प्रतिशत था। प्रदेश सरकार के राजकोषीय उत्तरदायित्व को पूरी शिद्दत से निभाया है इसलिए विरोधी भी इसे लोक लुभावनी बजट नहीं कह पा रहे हैं जबकि यह लोकसभा चुनाव के ठीक पहले बनाया गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार के बजट के साथ ही साथ प्रस्तुत, आर्थिक समीक्षा के अनुसार यह "इजी इन डूइंग" लिस्ट में 14 वें स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँच गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने दिस बर 2023 तक, किसान स मान निधि के 63000 करोड़ रुपये, 2.62 करोड़ किसानों के खाते में पहुँचा दिए हैं। इतने बड़े आँकड़ा को देखकर दूसरे राज्यों के वित्त मंत्री अवश्य ही सोचने पर मजबूर होंगे, इसे ही डबल इंजन की सरकार कहा जाता है। रामराज्य के रूप में इस बजट में उत्तर प्रदेश की भय मुक्त, उन्नतिशील राज्य की स्पष्ट झलक दिखाई देती है।

अर्थशास्त्री बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झाँसी

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