गंगा के रास्ते श्रद्धालु पहुंचेंगे बाबा विश्वनाथ के दरबार, मंदिरों की बनी मणिमाला
गंगा गेट पर बन रही जेटी, नाव-बजड़ों या क्रूंज से यहां आयेंगे श्रद्धालु
वाराणसी। काशीपुराधिपति के दरबार में श्रद्धालु अब गंगा के रास्ते भी आ सकेंगे। शहर के व्यस्त और जाम सड़कों की बजाय श्रद्धालु अस्सी, राजघाट, दशाश्वमेध और खिड़किया घाट से नाव, बजड़े या फिर क्रूंज से सीधे ललिताघाट, जलासेनघाट पर बने जेटी पर आयेंगे। यहां से गंगा गेट के जरिये दरबार में आ सकेंगे।
श्रद्धालुओं के सुविधा के लिए ललिताघाट के पास लगभग 55 मीटर लंबी और सात मीटर चौड़ी जेटी बनाई जा रही है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण व सुंदरीकरण परियोजना के मूर्त रूप लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसे 13 दिसम्बर को देश को समर्पित करेंगे। पिछले वर्ष देव दीपावली पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसी रास्ते बाबा दरबार में आये थे।
काशी विश्वनाथ धाम में 27 मंदिरों की बनी खास मणिमाला -
विश्वनाथ कॉरिडोर में गंगा गेट को लेकर कुल चार आकर्षक और सुविधाजनक गेट शिवभक्तों के लिए बनाये गये हैं। लगभग 54 हजार वर्गमीटर में फैले काशी विश्वनाथ धाम में 27 मंदिरों की एक खास मणिमाला भी बनाई गई है। परिसर में मुमुक्षु भवन, यात्री सुविधा केंद्र, वैदिक केंद्र, गंगा व्यू गैलरी, भोगशाला, फूड कोर्ट सेंटर, सुरक्षा केंद्र और मंदिर चौक सहित 19 भवन श्रद्धालुओं के लिए बनाये गये हैं।
प्रधानमंत्री करेंगे लोकार्पण -
उल्लेखनीय है कि धाम के लोकार्पण के अवसर पर पूरे नगरी को सजाया जायेगा। घाटों पर दीप सजेंगे और लेजर शो होगा। पूरे शहर के मंदिरों को रौशनी से सजाया जायेगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने वाराणसी दौरे में इसके लिए अफसरों को दिशा निर्देश भी दिया। वर्ष में 1669 में रानी अहिल्याबाई होल्कर ने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनरुद्धार कराया था। लगभग 352 वर्ष बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकल्प लेकर धाम के साथ मंदिर का पुनरुद्धार कराया है। अब वाराणसी सहित पूरा देश 13 दिसम्बर को इसका गवाह बनेगा।