वाराणसी में होगा काशी तमिल संगम का आयोजन, तमिलनाडु से 13 ट्रेनों में आएंगे श्रद्धालु

तमिलनाडु के राज्यपाल गुरुवार को चेन्नई एग्मोर में दिखाएंगे पहली ट्रेन को हरी झंडी

Update: 2022-11-16 13:10 GMT

वाराणसी।  उत्तर प्रदेश के काशी और तमिलनाडु के बीच ज्ञान के सदियों पुराने बंधन और प्राचीन सभ्यतागत जुड़ाव को फिर से खोजने के लिए वाराणसी में 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक 'काशी तमिल संगमम' कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। महीने भर चलने वाले कार्यक्रम के दौरान भारतीय रेलवे तमिलनाडु से काशी तक 13 ट्रेन सेवाएं चलाएगी। इन 12 ट्रेनों में तमिलनाडु के 2592 प्रतिनिधि शामिल होंगे। 

रेल मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि काशी तमिल संगमम के लिए 216 प्रतिनिधियों को ले जाने वाली पहली रेक बुधवार को तमिलनाडु के रामेश्वरम से शुरू हुई। तमिलनाडु से रवाना होने वाली पहली ट्रेन में भाग लेने के लिए रामेश्वरम से करीब 35, तिरुच्चिरापल्ली से 103 और चेन्नई एग्मोर से 78 प्रतिनिधि ट्रेन में सवार होंगे।तमिलनाडु के राज्यपाल थिरु आर.एन. रवि गुरुवार 17 नवंबर को चेन्नई एग्मोर में प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे और ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इस अवसर पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण, मत्स्य और पशुपालन राज्य मंत्री डॉ एल मुरुगन भी उपस्थित रहेंगे।इन ट्रेन सेवाओं में तमिलनाडु के 2592 प्रतिनिधि शामिल होंगे। प्रतिनिधि रामेश्वरम, कोयम्बटूर और चेन्नई से अपनी यात्रा शुरू करेंगे। ये ट्रेनें रास्ते में 21 स्टेशनों पर रुकेंगी। प्रत्येक रेक में 216 यात्री होंगे। काशी तमिल संगम 2022 'आजादी का अमृत महोत्सव' के हिस्से के रूप में भारत सरकार की एक पहल है। यह 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना का उत्सव होगा और सुंदर तमिल भाषा के साथ-साथ संस्कृति का भी उत्सव मनाएगा।

आईआईटी और बीएचयू के कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, भारतीय संस्कृति की दो प्राचीन अभिव्यक्तियों के विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञों व विद्वानों के बीच अकादमिक आदान-प्रदान - सेमिनार, चर्चा आदि दोनों के बीच संबंधों और साझा मूल्यों को सामने लाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। व्यापक उद्देश्य दो ज्ञान और सांस्कृतिक परंपराओं को करीब लाना, हमारी साझा विरासत को बनाना और समझना और क्षेत्रों के बीच लोगों से लोगों के बंधन को गहरा करना है।

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