जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की तकरार भले ही प्रत्यक्ष तौर पर नहीं दिख रही हो, लेकिन दोनों के समर्थक अपने बयानों से इस तकरार को दरारों के रूप में दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। ताजा मामला पायलट समर्थक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी के बयान का हैं, जिसमें उन्होंने गहलोत सरकार पर विधायकों के फोन टेपिंग के आरोप लगाए हैं।
पायलट और गहलोत की सियासी तकरार के बीच शनिवार को चौंकाने वाला मामला सामने आया, जब पायलट खेमे के एक विधायक ने गहलोत सरकार पर विधायकों के फोन टैपिंग का आरोप लगाया। पायलट समर्थक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी के इस बयान से कांग्रेस की राजनीति गरमाने के संकेत मिल रहे हैं। सोलंकी ने आरोप लगाया है कि राजस्थान में विधायकों की फोन टैपिंग कराई जा रही है। उनका दावा है कि कई विधायको के फोन की टैपिंग हो रही है। हालांकि सोलंकी की फोन टैपिंग हो रही है या नहीं, इस बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
मुख्यमंत्री से की शिकायत -
सचिन समर्थक विधायक ने कहा कि फोन टैपिंग को लेकर कुछ विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी शिकायत की है। इस मामले के सामने आने के बाद विधायकों में दहशत है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ये सब ठीक नहीं है। गहलोत सरकार पर विधायकों की जासूसी और फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि यह सब विधायकों पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है, जो सही नहीं है।
राजनीति गरमाई -
पायलट और गहलोत के बीच सियासी टकराहट को लेकर एक साल बाद इनदिनों राजनीति फिर गरमाई हुई है। सियासी संकट के बीच पायलट इन दिनों दिल्ली में हैं, जिसको लेकर कयासबाजी और बयानबाजी का दौर जारी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने हालांकि, शनिवार को साफ किया है कि सचिन पायलट न तो पार्टी से नाराज हैं और न ही सरकार से। वे कांग्रेस के साथ हैं और राजस्थान में सरकार को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है।