बिहार में शिक्षकों को नीतीश सरकार का बड़ा तोहफा, सैलरी में हुई 15 फीसदी की वृद्धि
बिहार। विधानसभा चुनाव 2020से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे हैं। शनिवार को नीतीश सरकार ने शिक्षकों के वेतन में वृद्धि करने का बड़ा फैसला किया है। इसके तहत बिहार शिक्षा विभाग ने पंचायती राज और शहरी स्थानीय निकायों के शिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की है। हालांकि यह वृद्धि अप्रैल 2021 से शुरू होने वाले सत्र में लागू होगी।
नीतीश सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में होने वाली शिक्षक भर्ती में बड़ा फैसला लिया था। जिसके मुताबिक, स्थानीय लोग ही प्राइमरी स्कूलों में होने वाली शिक्षक भर्ती में आवेदन कर सकेंगे। नए नियमों के मुताबिक, बिहार के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक के पद पर अब सिर्फ बिहार के निवासियों की ही नियुक्ति होगी। इन स्कूलों में अब दूसरे राज्यों के रहने वाले लोग शिक्षक के तौर पर आवेदन नहीं कर सकेंगे।
समग्र शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत शिक्षकों के जुलाई और अगस्त के वेतन के लिए 1560 करोड़ जारी होंगे। कैबिनेट ने राशि जारी करने की स्वीकृति दे दी है। वहीं राज्य के प्रस्वीकृति प्राप्त 47 संस्कृति विद्यालयों में स्वीकृत पदों के विरुद्ध 15 फरवरी 2011 के पूर्व विधिवत रूप से नियुक्त शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को छठे एवं सातवें वेतन संरचना के अनुरूप पुनरीक्षत दर से अनुदान देने की मंजूरी कैबिनेट ने दी है। वहीं पुनर्बहाल स्वीकृति प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में 15 फरवरी 2011 के बाद स्वीकृत पद के विरुद्ध नियुक्त शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों को पांच मार्च 2019 के प्रभाव से नवीन वेतन संरचना में नए दर से वेतन की स्वीकृति दी गई।
महिला और दिव्यांग शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को अपने नियोजन इकाई तथा अपने जिले से बाहर एक बार ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ मिलेगा। वहीं पुरुष शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को इसका लाभ आपसी सहमति (पारस्परिक) से मिलेगा। आरके महाजन ने कहा कि कई महिला शिक्षक थी, जो शादी से पहले से नियुक्त थी, पर बाद में उन्हें दिक्कत होने लगी। इस फैसले से ऐसी महिला शिक्षकों को भी काफी लाभ होगा।
प्राथमिक से मध्य विद्यालय तथा माध्यमिक विद्यालय से उच्च माध्यमिक विद्यालय में योग्य शिक्षकों की प्रोन्नति होगी। मध्य और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 50 प्रतिशत पद प्रोन्नति से ही भरे जाएंगे। वे प्रचार्य भी बन सकेंगे।