NHAI GM Arrested: NHAI का जीएम रामप्रीत पासवान 15 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार, CBI ने की कार्रवाई

Update: 2025-03-24 11:04 GMT
Bribery Case

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NHAI GM Rampreet Paswan Arrested for Taking Bribe : बिहार। पटना केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के महाप्रबंधक राम प्रीत पासवान समेत 4 लोगों को 15 लाख रुपये की घूस लेते हुए गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी एक बड़ी भ्रष्टाचार की कार्रवाई का हिस्सा है, जो बिहार के पटना शहर में हुई। सीबीआई ने आरोपियों के पास से 1.18 करोड़ रुपये की नकद राशि भी बरामद की है, जिससे यह मामला और भी जटिल हो गया है।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में राम प्रीत पासवान, महाप्रबंधक (जीएम), एनएचएआई, क्षेत्रीय कार्यालय, पटना शामिल हैं, जो घूस लेने के आरोप में पकड़े गए। इसके अलावा, बरुण कुमार, कर्मचारी, मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, सुरेश महापात्रा, महाप्रबंधक (जीएम), और चेतन कुमार, कर्मचारी, भी इस मामले में गिरफ्तार हुए हैं।

सीबीआई ने बताया कि इस मामले में 12 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें एनएचएआई के उच्च अधिकारियों और एक निजी कंपनी के कर्मचारियों के नाम शामिल हैं। इनमें वाईबी सिंह, मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम), कुमार सौरभ, उप महाप्रबंधक (डीजीएम), और अन्य अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा, कंपनी के ठेकेदार सत्य नारायण सिंह और कुछ अन्य अज्ञात सरकारी अधिकारियों पर भी जांच जारी है।

सीबीआई की टीम ने पहले ही बिहार और अन्य राज्यों में मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में राम कृपाल सिंह के घर समेत उनके परिवार के सदस्यों के ठिकानों पर भी कार्रवाई की गई, जिसमें उनके बेटे सुधीर कुमार और रंजन कुमार के घर भी शामिल थे।

मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के बारे में कहा जा रहा है कि यह कंपनी बड़े राजनेताओं के रिश्तेदारों से जुड़ी हुई है। हालांकि, अभी तक कंपनी के उच्च अधिकारियों और इसके राजनीतिक संबंधों के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन छापेमारी से यह संकेत मिलता है कि यह मामला एक बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार का हिस्सा हो सकता है।

सीबीआई की जांच और कार्रवाई

सीबीआई की कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस जांच में एनएचएआई के अधिकारियों और निजी कंपनियों के बीच मिलकर काम करने वाले भ्रष्टाचार के नेटवर्क को बेनकाब किया जा रहा है। सीबीआई ने इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए और भी कई ठिकानों पर कार्रवाई की योजना बनाई है, ताकि पूरी साजिश का पर्दाफाश किया जा सके।


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