बिलासपुर स्मार्ट सिटी का बड़ा एक्शन: परियोजनाओं में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई, ठेकेदारों पर करोड़ों का जुर्माना

Update: 2025-04-03 05:57 GMT
परियोजनाओं में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई, ठेकेदारों पर करोड़ों का जुर्माना
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Bilaspur Smart City Contractor Action : बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में चल रहे विकास कार्यों में देरी और लापरवाही को लेकर नगर निगम और बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने सख्त कार्रवाई की है। ठेका कंपनियों और ठेकेदारों की ओर से प्रोजेक्ट में गड़बड़ी और कार्य में सुस्ती पाए जाने पर निगम ने ब्लैक लिस्टिंग, भारी-भरकम पेनाल्टी और ठेके रद्द करने जैसे कदम उठाए हैं। इस कार्रवाई में कई कंपनियों और ठेकेदारों पर करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जो शहर के विकास कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

नगर निगम ने विभिन्न प्रोजेक्ट्स में लापरवाही बरतने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। गणपति इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी पर अरपा तट संवर्धन प्रोजेक्ट में देरी के लिए 37.50 लाख रुपये की पेनाल्टी लगाई गई है। इसके अलावा, सिम्प्लेक्स कंपनी के अंडरग्राउंड सीवरेज प्रोजेक्ट में काम में प्रगति न होने के कारण उसका ठेका रद्द कर दिया गया और कंपनी की 30 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी राजसात कर ली गई। वहीं, ठेकेदार कमल सिंह ठाकुर को एफडीआर (फिक्स्ड डिपॉजिट रसीद) में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में पांच साल के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है।

अरपा तट संवर्धन प्रोजेक्ट में देरी

अरपा नदी के उत्थान और तट संवर्धन प्रोजेक्ट का कार्य गणपति इंफ्रास्ट्रक्चर को सौंपा गया था। इस प्रोजेक्ट में इंदिरा सेतु से शनिचरी रपटा तक नदी की दोनों ओर नालों का निर्माण, सड़क सुधार और सौंदर्यीकरण का काम शामिल है। वर्तमान में नदी की दाईं ओर इंदिरा सेतु से पुराना पुल तक का पहला चरण पूरा हो चुका है। हालांकि, बाकी कार्य में तेजी लाने के बावजूद कंपनी ने धीमी गति से काम किया। स्मार्ट सिटी के प्रबंध निदेशक अमित कुमार के निर्देश पर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 37.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में भी देरी हुई, तो और सख्त कदम उठाए जाएंगे।

अंडरग्राउंड सीवरेज प्रोजेक्ट में लापरवाही

अंडरग्राउंड सीवरेज प्रोजेक्ट का जिम्मा सिम्प्लेक्स कंपनी को सौंपा गया था, लेकिन कंपनी ने बार-बार नोटिस जारी करने के बावजूद काम में प्रगति नहीं की। अंतिम चेतावनी 10 फरवरी 2025 को दी गई थी, जिसका जवाब न देने पर नगर निगम आयुक्त के आदेश पर कंपनी का ठेका रद्द कर दिया गया। साथ ही, कंपनी की 30 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी और सिक्योरिटी डिपॉजिट को सरकार के खाते में स्थानांतरित कर लिया गया। यह कार्रवाई बिलासपुर शहर के सीवर सिस्टम को बेहतर करने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

ठेकेदार की ब्लैक लिस्टिंग

स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत राजीव गांधी चौक से तैयबा चौक तक स्टार्म वॉटर ड्रेन और दिव्यांग-फ्रेंडली फुटपाथ निर्माण का ठेका कमल सिंह ठाकुर को दिया गया था। शर्तों के अनुसार, ठेकेदार को मूल एफडीआर (एपीएस और पीवीजी) जमा करना था, लेकिन ठाकुर ने इसके बजाय फोटोकॉपी जमा की। जांच में यह गड़बड़ी पाए जाने पर पहले ही उसके भुगतान से 16.50 लाख रुपये की पेनाल्टी काटी गई थी। अब दोषी पाए जाने पर उसे पांच साल के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है, जिससे वह किसी भी सरकारी निविदा में भाग नहीं ले सकेगा।

विकास कार्यों में सुधार की पहल

बिलासपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कई बड़े विकास कार्य चल रहे हैं, जिसमें अरपा नदी संवर्धन, सीवर सिस्टम अपग्रेडेशन और सड़क-फुटपाथ निर्माण शामिल हैं। इन प्रोजेक्ट्स का लक्ष्य शहर को स्मार्ट और सुंदर बनाना है। हालांकि, ठेकेदारों की लापरवाही और देरी ने इन योजनाओं को प्रभावित किया। इस कार्रवाई के बाद नगर निगम और स्मार्ट सिटी ने ठेकेदारों को चेतावनी दी है कि भविष्य में समयबद्धता और गुणवत्ता बनाए रखना अनिवार्य होगा। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने कहा कि अब हर प्रोजेक्ट की नियमित निगरानी की जाएगी, और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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