Google meta: फाइनेंस बिल 2025 में बड़ा बदलाव, Google और Meta को मिलेगा टैक्स में राहत

Google meta: भारत सरकार ने फाइनेंस बिल 2025 में एक महत्वपूर्ण संशोधन किया है, जिससे डिजिटल विज्ञापन के जरिए कमाई करने वाली कंपनियों जैसे Google और Meta को बड़ी राहत मिलेगी।;

Update: 2025-03-24 17:14 GMT
फाइनेंस बिल 2025 में बड़ा बदलाव, Google और Meta को मिलेगा टैक्स में राहत
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Google meta: भारत सरकार ने फाइनेंस बिल 2025 में एक महत्वपूर्ण संशोधन किया है, जिससे डिजिटल विज्ञापन के जरिए कमाई करने वाली कंपनियों जैसे Google और Meta को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार ने 6% Equalisation Levy को हटाने का फैसला किया है, जिससे इन कंपनियों का टैक्स बोझ कम होगा और वे भारतीय बाजार में और अधिक विस्तार कर सकेंगी।

जानकारी के लिए बता दें कि Equalisation Levy की शुरुआत भारत सरकार ने 2016 में की थी। इसका उद्देश्य उन विदेशी डिजिटल कंपनियों पर टैक्स लगाना था, जो भारतीय उपभोक्ताओं को सेवाएं देती हैं और यहां से मुनाफा कमाती हैं। इसमें मुख्य रूप से डिजिटल विज्ञापन, ऑनलाइन शॉपिंग, क्लाउड सर्विसेस और अन्य डिजिटल सेवाएं शामिल थीं।

टैक्स हटाने से क्या होगा असर?

सरकार के इस संशोधन का सीधा फायदा उन विदेशी डिजिटल कंपनियों को मिलेगा, जो भारत में अपनी सेवाओं के जरिए करोड़ों रुपये कमाती हैं। Equalisation Levy हटाने से अब इन कंपनियों को भारत में अपनी डिजिटल सेवाओं से होने वाली आमदनी पर कम टैक्स देना पड़ेगा, जिससे उनकी कुल कमाई बढ़ेगी। इसके अलावा टैक्स राहत मिलने के कारण Google और Meta जैसी कंपनियां भारत में अपने निवेश को बढ़ा सकती हैं। इससे डिजिटल एडवरटाइजिंग, ई-कॉमर्स और टेक्नोलॉजी सेक्टर को फायदा होगा। और तो और टैक्स का बोझ कम होने से ये कंपनियां अपने ग्राहकों को बेहतर ऑफर और प्रतिस्पर्धी दरों पर सेवाएं दे सकती हैं, जिससे भारतीय व्यवसायों को फायदा मिलेगा। वहीं पहले Equalisation Levy से विदेशी कंपनियों को अतिरिक्त टैक्स देना पड़ता था, जिससे भारतीय डिजिटल कंपनियों को थोड़ी बढ़त मिलती थी। अब जब यह टैक्स हटा दिया गया है, तो प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और भारतीय कंपनियों को अपनी सेवाओं को और मजबूत करना होगा।

डिजिटल बाजार में आ सकता है बड़ा बदलाव

इस टैक्स को को हटाने के पीछे सरकार की मंशा भारतीय डिजिटल बाजार को और अधिक आकर्षक बनाना है, ताकि बड़ी टेक कंपनियां यहां निवेश बढ़ाएं और रोजगार के नए अवसर पैदा हों। इसके अलावा, यह कदम भारत के वैश्विक व्यापारिक संबंधों को भी मजबूत करेगा, क्योंकि कई देशों ने इस टैक्स को लेकर आपत्ति जताई थी। भारत का डिजिटल एडवरटाइजिंग बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और सरकार के इस फैसले से विदेशी कंपनियों को यहां विस्तार करने में और आसानी होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से डिजिटल इकोनॉमी को गति मिलेगी और उपभोक्ताओं को भी बेहतर सेवाएं मिलेंगी।

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