छत्तीसगढ़ का बढ़ा मान: PM मोदी ने थाईलैंड प्रधानमंत्री को भेंट की डोकरा पीतल की ‘मोर नाव’, बैंकॉक दौरे पर दिए ये गिफ्ट दिए

PM Modi Presented Dokra Brass 'Peacock Boat'
PM Modi Presented Dokra Brass 'Peacock Boat' to Thailand PM : रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विदेश यात्राओं के दौरान मेजबान देश के नेताओं को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और हस्तशिल्प परंपराओं को दर्शाने वाली अनूठी कलाकृतियां भेंट करने के लिए जाने जाते हैं। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में 3-4 अप्रैल 2025 को आयोजित बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकनॉमिक कोऑपरेशन (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन के दौरान भी पीएम मोदी ने यह परंपरा जारी रखी। उन्होंने थाईलैंड प्रधानमंत्री सेथ्था थाविसिन को छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति के प्रतीकात्मक उपहार भेंट कर प्रदेश का मान बढ़ाया है।
थाई प्रधानमंत्री को डोकरा मोर नाव
थाईलैंड की प्रधानमंत्री पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा को पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ के जनजातीय कारीगरों द्वारा तैयार की गई डोकरा पीतल की मोर नाव भेंट की। यह कलाकृति प्राचीन ‘लॉस्ट-वैक्स’ ढलाई तकनीक से हाथ से बनाई गई है, जो भारतीय हस्तशिल्प की बेजोड़ कारीगरी को दर्शाती है।
मोर के आकार की इस नाव पर की गई जटिल नक्काशी और एक शांत आदिवासी नाविक की मूर्ति मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्य को रेखांकित करती है, जो डोकरा कला की मूल भावना को प्रतिबिंबित करती है। यह तोहफा थाई प्रधानमंत्री के लिए न केवल एक सांस्कृतिक उपहार है, बल्कि भारत-थाईलैंड के रिश्तों की गहराई को भी दर्शाता है।
राजा को सारनाथ बुद्ध प्रतिमा
थाईलैंड के राजा महा वजिरालोंगकोर्न को पीएम मोदी ने बिहार की प्राचीन गुप्त और पाल शैली में निर्मित एक शानदार पीतल की सारनाथ बुद्ध प्रतिमा भेंट की। ध्यान मुद्रा में स्थापित यह प्रतिमा गहन ध्यान और आंतरिक शांति का प्रतीक है। कमल आसन पर विराजमान बुद्ध की यह मूर्ति ज्ञान और करुणा की भावना को व्यक्त करती है।
प्रतिमा के प्रभामंडल पर देवताओं और पुष्प अलंकरणों की नक्काशी इसे एक दिव्य आभा प्रदान करती है, जो थाईलैंड की बौद्ध परंपराओं के साथ गहरे जुड़ाव को दर्शाती है। यह तोहफा दोनों देशों की साझा आध्यात्मिक विरासत को सम्मानित करता है।
रानी को वाराणसी की सिल्क ब्रोकेड शॉल
थाईलैंड की रानी सुतिदा को पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी से प्राप्त प्रसिद्ध ब्रोकेड सिल्क शॉल भेंट की। इस शॉल पर भारतीय लघु चित्रकला और पिछवई कला से प्रेरित ग्रामीण जीवन, दिव्य उत्सव, और प्रकृति के सुंदर चित्रांकन हैं। लाल, नीली, हरी, और पीली रंगों की जीवंतता और विस्तृत सुनहरे बॉर्डर के साथ यह शॉल शाही भव्यता का प्रतीक है। यह उपहार थाई रानी की शाही गरिमा के अनुरूप है और भारतीय हस्तशिल्प की महीन कारीगरी को प्रदर्शित करता है।
प्रधानमंत्री की पत्नी को स्वर्ण-रजत कफलिंक
थाई प्रधानमंत्री की पत्नी को पारंपरिक राजस्थानी और गुजराती मीनाकारी कला से सजी सोने की परत चढ़ी बाघ आकृति वाली कफलिंक भेंट की गई। यह कफलिंक साहस, नेतृत्व, और शाही गरिमा का प्रतीक है, जिसमें मोतियों का किनारा इसकी भव्यता को और निखारता है। बाघ, जो भारत का राष्ट्रीय पशु भी है, इस तोहफे को विशेष महत्व प्रदान करता है और थाईलैंड के साथ भारत के प्राकृतिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करता है।
पूर्व प्रधानमंत्री को उरली भेंट
थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थक्सिन शिनवात्रा को पीएम मोदी ने आंध्र प्रदेश की पारंपरिक धातु कला में बनी पीतल की उरली भेंट की। इस उरली पर एक सुंदर मोर और दीपक (दीया) सजाया गया है, जो पवित्रता, सकारात्मकता, और समृद्धि का प्रतीक है।
यह हस्तशिल्प भारतीय परंपराओं के अनुरूप अनुष्ठानों और त्योहारों की शोभा बढ़ाने के लिए जाना जाता है। थक्सिन शिनवात्रा के लिए यह तोहफा भारतीय संस्कृति की गहराई और विविधता को दर्शाता है।
पीएम मोदी ने अपने हर तोहफे को मेजबान देश की संस्कृति और हितों के साथ जोड़ा गया है, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करता है। थाईलैंड के नेताओं ने इन उपहारों की सराहना करते हुए भारत की कारीगरी और सांस्कृतिक धरोहर की प्रशंसा की।