छत्तीसगढ़ में 683 वर्ग किलोमीटर बढ़ गया वन, बना देश का तीसरा सबसे बड़ा वन क्षेत्रफल वाला राज्य

Update: 2025-03-08 17:17 GMT
  • हरियर छत्तीसगढ़: किसान वृक्ष मित्र योजना के तहत रोपे गए 2 करोड़ से ज्यादा पौधे, इस वर्ष 15 करोड़ पौधे रोपने की तैयारी
  • मध्य प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा वन क्षेत्रफल वाला राज्य है छत्तीगसढ़

Chhattisgarh Forest Area Increased : रायपुर। वनों का घटता दायरा देश और दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। ऐसे में छत्तीसगढ़ से एक उम्मीद की किरण नजर आ रही है। यहां वनों का दायरा बढ़ रहा है। राज्य सरकार के प्रयास और सभी वर्गों के सहयोग से यहां वन का भौगोलिक क्षेत्रफल बढ़कर 44.253 प्रतिशत हो गया है। वन आवरण की दृष्टि से मध्य प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ देश में तीसरे स्थान पर है।

वन मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि हमारी सरकार किसान वृक्ष मित्र योजना के तहत वन क्षेत्रों में वृहद स्तर पर पौधारोपण करा रही है। इसके परिणाम स्वरूप वन आवरण में 683 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2 करोड़ 25 लाख पौधों का रोपण किया गया है।

मंत्री कश्यप ने बताया कि एक पेड़ मां के नाम योजना में 3 करोड़ 50 लाख 73 हजार पौधों का रोपण और वितरण किया गया है। इस योजना में छत्तीसगढ़ महतारी वंदन योजना के हितग्राहियों को भी जोड़ा गया है। वर्ष 2025 में चार करोड़ पौधों का रोपण और वितरण का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि बिगड़़े वनों के सुधार के लिए इस वित्तीय वर्ष में 310 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान रखा गया है।

वनों के विस्तार के लिए 2025-26 के बजट में किए प्रावधानों की जानकारी देते हुए कश्यप ने बताया कि नदी तटों में पौधारोपण के लिए 7 करोड़ 48 लाख रुपये और राजमार्गों व ग्रामीण मार्गों के किनारे पौधारोपण के लिए 7 करोड़ 11 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि नए बजट में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के लिए 2541 करोड़ 28 लाख 60 हजार दिया गया है।

मंत्री कश्यप के विभागों को मिला

5954 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट

मंत्री कश्यप के विभागों के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 5954 करोड़ 41 लाख 12 हजार रुपये का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे सदन में चर्चा के बाद सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इसमें वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के लिए 2541 करोड़ 28 लाख 60 हजार, सहकारिता विभाग के लिए 342 करोड़ 70 लाख 22 हजार, जल संसाधन विभाग के लिए 1693 करोड़ 96 लाख, लघु सिंचाई निर्माण कार्य के लिए 874 करोड़ 51 लाख 55 हजार, जल संसाधन विभाग से संबंधित विदेशों से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 57 करोड़, जल संसाधन विभाग से संबंधित सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 308 करोड़ 71 लाख, राज्य कौशल विकास योजना के लिए 29 करोड़ 41 लाख और राज्य विधानमंडल के लिए 106 करोड़ 82 लाख 75 हजार रुपये शामिल है।

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