छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला: ED ने कोर्ट में पेश किया पूरक चालान, कांग्रेस नेता रामगोपाल और रानू साहू के IAS पति का नाम भी शामिल

Update: 2025-03-29 06:39 GMT
ED ने कोर्ट में पेश किया पूरक चालान, कांग्रेस नेता रामगोपाल और रानू साहू के IAS पति का नाम भी शामिल
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Chhattisgarh Coal Scam : रायपुर। छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले मामले में ED विशेष अदालत में पूरक चलमन पेश किया है। इस चालान में नौ और आरोपियों के नाम जोड़ गए है, जिनमें कांग्रेस नेता रामगोपाल अग्रवाल और रानू साहू के IAS पति और एडवोकेट का नाम भी शामिल है।

 जानकारी के अनुसार, ED द्वारा विशेष अदालत में पेश किये गए पूरक चालान में कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल समेत रायपुर जेल में बंद निलंबित आइएएस रानू साहू के पति आइएएस जयप्रकाश मौर्य, कोयला फर्म के मालिक जोगिंदर सिंह, शेख मोइनुद्दीन, हेमंत जायसवाल, वीरेंद्र जायसवाल, एडवोकेट पीयूष भाटिया, पारिख कुर्रे व राहुल शामिल है। ED का आरोप है कि, कोयला घोटाले में इन लोगों का सहयोग था।

इनकी हो चुकी गिरफ्तारी 

कोयला घोटाला मामले में ईडी पहले ही कोरबा की पूर्व कलेक्टर रानू साहू, निलंबित आइएएस समीर बिश्नोई, पूर्व सीएम भूपेश बघेल की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल, कोयला कारोबारी हेमंत जायसवाल और कोरबा निवासी उसके भाई वीरेंद्र जायसवाल समेत करीब 20 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।

बता दें कि, कोयला घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 30 जनवरी को बड़ी कार्रवाई करते हुए घोटाले से जुड़े लोगों की संपत्ति कुर्क की थी। इनमें बैंक बैलेंस, वाहन, नगदी, जेवरात और जमीन सहित 100 से अधिक चल और अचल संपत्तियां शामिल थी। इसकी कुल कीमत 49.73 करोड़ रुपए है।

ये संपत्तियां कोयला घोटाले के कथित मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी के साथ बाकी आरोपियों की भी है। ईडी की जांच में सामने आया कि कुछ लोगों ने पिछली सरकार में रहे नेताओं और वरिष्ठ राज्य अधिकारियों के साथ मिलकर कर कोयला ट्रांसपोर्टर्स (Tax Coal Transporters) से जबरन वसूली की। 

क्या है छत्तीसगढ़ का कोयला घोटाला

अवैध कोल लेवी वसूली का मामले का खुलासा ED की रेड में हुआ था। दावा है कि, ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन किया गया। 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया गया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्नोई ने आदेश जारी किया था। यह परमिट कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से लिया जाता है।

पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया। जो व्यापारी पैसे देता उसे ही खनिज विभाग से पीट और परिवहन पास जारी होता था। यह रकम 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा होती थी। इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपए की वसूली की गई।


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