चीन और कांग्रेस के बीच गोपनीय समझौता, राजीव गांधी फाउंडेशन में दान का खुलासा

Update: 2020-06-26 01:09 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस का चाइना प्रेम आखिरकार खुलकर सामने आ ही गया। कांग्रेस का चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ कनेक्शन को लेकर पिछले कुछ दिनों से जिस तरह सवाल उठ रहे थे, उसका खुलासा गुरूवार को खुलासा हुआ है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर ने दावा किया है कि चीन ने 'राजीव गांधी फाउंडेशन' के जरिए कांग्रेस को वित्तीय मदद पहुंचाई। प्रसाद ने गुरूवार को आभासी प्रेस कांफ्रेंस के जरिए उक्त मामले से संबंधित तथ्यों का खुलासा किया। जिसके तहत दोनों देशों के बीच मुफ्त व्यापार की आड़ में हुए एक गोपनीय समझौते के एवज में चीन ने 'राजीव गांधी फाउंडेशन' के जरिए कांग्रेस को 15 करोड़ रूपए की भारी-भरकम वित्तीय मदद पहुंचाई गई थी।

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन ने पैसे दिए। कांग्रेस यह स्पष्ट करें कि आखिर ये प्रेम कैसे बढ़ गया? इनके कार्यकाल में ही चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा किया। प्रसाद ने कहा कि यह कानून है जिसके तहत कोई पार्टी बिना सरकार की अनुमति के विदेश से पैसा नहीं ले सकती। कांग्रेस स्पष्ट करे कि इस वित्तीय मदद के लेन-देन से पहले क्या कांग्रेस ने सरकार से अनुमति ली थी?

यह सब समझौते चीन के साथ खराब सम्बन्ध होने के बावजूद देश को अंधेरे में रखकर कांग्रेस ने गठबंधन सरकार में रहने के दौरान किए थे। चीन की सत्ताधारी पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के साथ कांग्रेस के साल 2008 में हुए समझौते का मामला अब उच्च्तम न्यायालय पहुँच गया है। बुधवार को इस आशय की एक याचिका दायर की गई है। जिसमें सीपीसी के साथ कांग्रेस के हुए समझौते को सार्वजनिक नहीं करने का विषय उठाते हुए उस समझौते की एनआइए या सीबीआई जाँच की माँग की गई है।

2008 में बीजिंग में हुए समझौते के तहत यह तय हुआ है कि दोनों पार्टी एमओयू के तहत क्षेत्रीय, द्वीपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मसले पर एक दूसरे से बात करेंगे। एक रिपोर्ट में इस अध्ययन का एक हिस्सा दिखाया गया है, जिसमें चीनी राजदूत राजीव गाँधी फाउंडेशन के वार्षिक समारोह में मौजूद रहे।

क्या है राजीव गाँधी फाउंडेशन?

साक्षरता, स्वास्थ्य, विकलांगता, वंचितों के सशक्तीकरण, आजीविका और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन सहित कई मुद्दों पर काम करने के उद्देश्य से 1991 में राजीव गांधी फाउंडेशन स्थापित किया गया था। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष स्वयं सोनिया गाँधी ही इस राजीव गाँधी फाउंडेशन की प्रमुख हैं। सोनिया गाँधी के साथ-साथ राहुल गाँधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पी चिदंबरम और प्रियंका गाँधी भी फाउंडेशन के ट्रस्टी हैं। डोकलाम विवाद के दौरान जब सीमा पर भारतीय सेना और चीन की सेना आमने-सामने थीं, तब राहुल गाँधी चीन की सरकार के साथ लंच करते हुए गुप्त समझौतों पर हस्ताक्षर कर रहे थे।

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