गृहमंत्री शाह ने फोरेंसिक यूनिवर्सिटी की रखी नींव, कहा- भारत पूरी दुनिया के लिए तैयार करेगा विशेषज्ञ
शाह ने कहा कि क्राइम की दुनिया तेजी से बदल रही है। ऐसे में पुलिस को अपराधियों से दो कदम आगे रहने की जरूरत है।
धारवाड़। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत पूरी दुनिया के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञ तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के साथ जोड़ा जाए ताकि देश में दोष सिद्धि दर को विकसित देशों से भी ऊपर लाया जा सके।
शाह ने शनिवार को उत्तरी कर्नाटक के धारवाड़ में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की आधारशिला रखते हुए कहा कि मौजूदा समय में पूरी दुनिया में फोरेंसिक विशेषज्ञों की जरूरत बढ़ी है। अपराधियों को सजा दिलाने में वैज्ञानिक साक्ष्य का होना बहुत जरूरी है। इस दिशा में फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय अहम भूमिका निभाएंगे।शाह ने कहा कि छह साल से अधिक की सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक जांच को अनिवार्य करने की दिशा में काम किया जा रहा है। लोगों को समय पर न्याय मिल सके और अपराधियों को सजा मिल सके इसके लिए सरकार भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और साक्ष्य अधिनियम में बदलाव करने के बारे में विचार कर रही है।
शाह ने कहा कि क्राइम की दुनिया तेजी से बदल रही है। ऐसे में पुलिस को अपराधियों से दो कदम आगे रहने की जरूरत है। इस दिशा में फोरेंसिक साइंस का अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में दुनिया के सबसे अधिक फोरेंसिक विशेषज्ञ हमारे पास होंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2047 में जब हम आजादी का शताब्दी वर्ष मनाएं, तो हमारा यह महान देश हर क्षेत्र में अव्वल होना चाहिए। ऐसे राष्ट्र के निर्माण के लिए आप नौजवानों को प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर जरूर साथ आना चाहिए। आपको महान भारत के निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए। छात्रों को संबोधित करते हुए, उन्होंने छात्रों से कहा कि देश की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान के बारे में पढ़ने की चाहिए।