नईदुनिया। दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य विमान अमेरिका से कोविड राहत सामग्री लेकर गुरुवार सुबह दिल्ली पहुंच गया है। ब्रिटेन से 120 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर युक्त एक शिपमेंट आज सुबह भारत आया। इसके अलावा रूस से भी दो हवाई जहाज 20 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, 75 वेंटिलेटर, 150 बेडसाइड मॉनिटर और 22 मीट्रिक टन दवाइयां लेकर आज सुबह दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचे। इसके बाद मई से रूस अपनी वैक्सीन स्पुतनिक वी की भी आपूर्ति शुरू करने जा रहा है।
भारत में कोरोना की दूसरी कहर के बाद दुनिया के तमाम देशों से समर्थन मिल रहा है। आक्सीजन की कमी से देश में हो रही मौतों को देखते हुए कई देशों ने ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर और चिकित्सा सामग्री देने के लिए पेशकश की है। भारत ने भी दुनिया से कोविड महामारी खत्म करने की पहल की शुरुआत स्वदेशी वैक्सीन और दवाओं की सौ से अधिक देशों को आपूर्ति करके दुनिया का दिल जीता है। यही वजह है कि अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी, कोरिया, जापान, पूर्ण यूरोपीय संघ और यहां तक कि चीन सहित सभी प्रमुख राष्ट्र इस संकट के समय भारत को सहयोग करने के लिए तैयार हैं। प्रथानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बुधवार को रूस के राष्ट्रपति ने टेलीफोन पर बात करके सहायता देने की पेशकश की है। इसके पहले जापान के प्रधानमंत्री भी मोदी से बात करके अपना समर्थन जता चुके हैं।
रूस से आए ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर -
रूस के दो कार्गो विमान आज सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे। रूस से आये सामान में 20 ऑक्सीजन , 75 वेंटिलेटर, 150 बेडसाइड मॉनिटर और 22 मीट्रिक टन दवाइयां शामिल हैं। एयर कार्गो से यह चिकित्सा सामग्री उतारने के लिए दिल्ली कस्टम्स ने 24x7 के मिशन पर अपने कर्मचारियों को तैनात कर दिया है। भारत में रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव ने मेडिकल सामग्री भारत पहुंचने के बाद कहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ मौजूदा संयुक्त लड़ाई में स्पुतनिक वी की आगामी डिलीवरी भी शामिल है, जो मई से शुरू हो रही है। इसके बाद भारत में इसके उत्पादन और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में रूस पूरी तरह भारत का सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि रूसी संघ ने रणनीतिक साझेदारी की भावना के तहत भारत को मानवीय सहायता भेजने का फैसला किया है।
अमेरिका ने भेजी राहत सामग्री -
अमेरिका ने भी भारत को 100 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य की राहत सामग्री भेजी है। अमेरिका ने भारत के लिए आपातकालीन कोरोना राहत जहाजों की पहली तैनाती की है। दुनिया के सबसे बड़े दो सैन्य विमान अमेरिकी ट्रैविस एयर फोर्स बेस से उड़ान भरकर आज सुबह नई दिल्ली पहुंचे हैं। इस शिपमेंट में 440 ऑक्सीजन सिलेंडर और रेगुलेटर शामिल हैं। इसके अलावा अमेरिका 960,000 रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट और 100,000 एन-95 मास्क भेजेगा ताकि कोविड का समुदायिक प्रसार रोकने में मदद करने के लिए संक्रमणों की पहचान जल्दी हो सके।
अमेरिका ने महामारी की शुरुआत के बाद से 23 मिलियन डॉलर से अधिक की सहायता प्रदान की है, जो लगभग 10 मिलियन भारतीयों तक सीधे पहुंचती है। अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका एजेंसी (यूएसएआईडी) तेज़ी से 1,000 मेडिकल ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की खरीद कर रहा है जिनका उपयोग 320 प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में किया जाएगा। अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन ने कहा है कि हम भारत के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का हर तरह से समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के लोगों की मदद करने के लिए दृढ़ है। हम कोविड-19 के खिलाफ साझा लड़ाई में भारत के साथ खड़े रहेंगे।