नई दिल्ली। बोहरा समुदाय की लड़कियों का खतना करने के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि लड़कियों का खतना करना एक अपराध है | इसे धारा 25 के तहत सुरक्षा नहीं मिली है। इस मामले पर अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी।
पिछले 20 अप्रैल को कोर्ट ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल को सहयोग करने का निर्देश दिया था। याचिकाकर्ता सुनीता तिवारी ने अपनी याचिका में कहा है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 2012 में बच्चियों की खतना के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव पर भारत ने भी हस्ताक्षर किया था।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि इस प्रथा पर पूरे तरीके से रोक लगनी चाहिए। याचिका में कहा गया है कि ये संविधान की धारा 14 और 21 के साथ साथ राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों का उल्लंघन है।