आईएफएफआई महोत्सव: कास्टिंग काउच मसले का समाधान निकालने पर रहा जोर
सिनेमा समाज में बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम : अली
पणजी / अनिता चौधरी। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव(आईएफएफआई) के दूसरे दिन मास्टर क्लास में इम्तियाज अली, सुहासिनी मणिरत्नम, खुशबू सुंदर, भूमि पेडनेकर ने महिला सुरक्षा और सिनेमा विषय पर विस्तार से चर्चा की। इस मौके पर इम्तियाज समेत सभी वक्ताओं को सम्मानित भी किया गया। संचालन वाणी त्रिपाठी टिक्कू ने किया। इस मौके पर सभी वक्ताओं ने भारतीय सिने जगत को महिलाओं को सम्मान देने वाला बताया। कास्टिंग काउच के मसले पर वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि इस मुद्दे को संवेदनशीलता के साथ हल किया जाना चाहिए। अपनी आवाज उठाते हुए दृढ़ता से न कहना सीखना चाहिए।
गोवा के पणजी में आयोजित 55 वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव इफ्फी में संवाद सत्र में आयोजित इस चर्चा में फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली ने अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि सिनेमा समाज में बदलाव लाने का एक शक्तिशाली माध्यम है। अली ने इफ्फी की इस पर पहल की सराहना करते हुए कहा है कि इस विषय पर चर्चा एक अहम मुद्दा है। यह फिल्म उद्योग, सरकार, कलाकारों और दर्शकों का एक शक्तिशाली संगम है। संस्कृति के लिए एक जीवंत स्थान, यह समाज से जुडऩे, अपनी बात कहने, करने और विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक अद्भुत मंच है। इम्तियाज अली के साथ चर्चा में भाग ले रही सुहासिनी मणिरत्नम, भूमि पेडनेकर और खुशबू सुंदर के साथ अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं को समाज में महिलाओं की स्थिति को दर्शाने और उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाने की जरूरत है। फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले कई डायरेक्टर्स और एक्टर्स पर कास्टिंग काउच के आरोप लग चुके हैं। इसमें कुछ समय पहले मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में भी यह मामला गरमाया था। अब बॉलीवुड डायरेक्टर इम्तियाज अली ने इस गंभीर मुद्दे पर बात की है और बताया कि वह 15-20 साल से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में निर्देशक हैं।
सुहासिनी मणिरत्नम ने कहा कि वह सिनेमा के साथ बढ़ी हुई हैं। उनके लिए 43 साल पहले का वाकया आज भी जीवंत है। इस समय वह दक्षिण भारत ओडिया फिल्म संस्थान में पढ़ाई कर रही थीं। तब उत्सव दिल्ली, चेन्नई, बैंगलोर में होते थे। उन्होंने सत्यजीत रे के साथ का अपना अनुभव साझा किया और कहा कि पुरुष निर्देशक और साथ कलाकार हमेशा सहयोगी की भूमिका में रहते थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि महिलाओं को अपने दृश्यों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वाणी त्रिपाठी टिक्कू ने कहा कि अली उनके सहपाठी और पहले निर्देशक रहे हैं। इसलिए वह कह सकती है कि इस यात्रा में उनकी सभी फिल्मों में महिला सशक्तिकरण सर्वोच्चता के साथ होता है।
खुशबू सुंदर ने कहा कि उन्होंने सिनेमा के दिग्गजों के साथ काम किया है। उन्होंने हमेशा देखा है कि किस तरह से सेट पर महिलाओं का सम्मान किया जाता था, उन्हें याद है कैसे देश प्रेमी फिल्म में जब भी हेमा मालिनी सेट पर आती उनको अमिताभ बच्चन लेकर मनमोहन देसाई, केतन देसाई समते सभी वरिष्ठ खड़े होकर उनका अभिवादन करते थे। पेडनेकर ने कहा कि उनके लिए भारतीय सिनेमा घर जैसा है। दम लगा के हशिया उनके लिए बेहद खास थी, इसमें ही महिला सशक्तिकरण का संदेश था। तब से आज तक वह मेहनत के साथ काम कर रही हैं। उन्हें कभी असहज स्थितियों से दो चार नहीं होना पड़ा।
अगले दो दिन मास्टर क्लास और फिल्म टेरव का ट्रेलर लांच रहेगा आकर्षण का केंद्र
अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के तीसरे दिन का आकर्षण मांडवी नदी पर तैरते क्रूज पर $िफल्म टेरव का ट्रेलर लांच रहा। इसका आयोजन भारतीय $िफल्म निर्माता संघ इंपा कर रहा है। भव्य सजावट और फिल्मों के दृश्यों को सजीव कर रहे राही नाम के क्रूज ने लहरो पर फिल्मों के संगीत और फिल्मों के कलकारो ने ऐसा वातावरण बनाया कि पूरा माहौल मस्ती से सराबोर हो गया। इस मौके पर इम्पा अध्यक्ष अभय सिन्हा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय $िफल्म महोत्सव अब पूरी तरह से दुनिया का $िफल्म बाजार बना रहा है। इस बार 101 देशों ने अपनी $िफल्म भेजी है। इसलिए बाकी दुनिया के देशों कि तरह यहां भी क्रूज पर मास्टर क्लास से लेकर फिल्मों के ट्रेलर लांच किए जा रहे है। यह क्रम 21 से 24 तक चलेगा। इस दौरान विषय हार्ड, छबीला, ऑटो बायो आत्मा पंपलेट $िफल्म के ट्रेलर लांच किए जाएंगे। इतना ही नहीं हर शाम को इस क्रूज पर पानी कि लहरो से अठखेलियां करते हुए मास्टर क्लास लगेगी। इस मौके पर बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बिहार में फिल्मों कि शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए चर्चा कि और टेलर लांच में भाग लिया।