फिर जुगत भिड़ाने में सफल हुए रियाज

Update: 2020-09-02 15:11 GMT


फिर जुगत भिड़ाने में सफल हुए रियाज

गुना। गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों को झेल रहे पूर्व मंडी सचिव रियाज अहमद खाँन आखिर हमेशा की तरह जुगत भिड़ाने में सफल हो गए है। उनकी घर वापसी का आदेश संशोधित हो गया है। नए आदेश के तहत अब रियाज मंडी बोर्ड में ही रहेंगे। हालांकि उन्हे गुना मंडी से हटाकर ग्वालियर अटैच कर दिया गया है। रियाज की पहुँच और जोड़-तोड़ का अंदाजा महज इससे ही लग जाता है कि उनकी प्रतिनियिुक्ति रद्द होने का आदेश महज दो दिन में ही संशोधित हो गया है। गौरतलब है कि रियाज अहमद खँान की मूल नियुक्ति जिला सहकारी एवं ग्रामीण विकास बंैक में है। जहां से वह प्रतिनियुक्ति पर आकर गुना मंडी सचिव जैसे मलाईदार पद तक पहुँच गए थे। इस पद पर रहते हुए उन्होने जमकर मनमानी की। इस दौरान उन पर भ्रष्टाचार के भी तमाम आरोप लगे। जिनकी गूंज प्रदेश की राजधानी भोपाल तक हुई। इसके बाद गत दिवस राज्य शासन उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हे वापस उनके मूल विभाग जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्यादित गुना को वापस कर दिया था। इसको लेकर आदेश मंडी बोर्ड संचालक संदीप यादव द्वारा निकाला गया था।

दो दिन में संशोधित कराया आदेश

मलाईदार विभाग से अपनी प्रतिनियुक्ति रद्द होने का आदेश जारी होते ही रियाज सक्रिय हुए और उन्होने आदेश को ही रद्द कराने के लिए भाग दौड़ शुरु कर दी। इसके लिए जहां उन्होने अपने उच्च स्तरीय संपर्कों का इस्तेमाल किया तो गोटियां भी बिछाई। इतना ही नहीं, खबर तो यहां तक है कि अपने आकाओं के सामने भी उन्होने मंडी बोर्ड में बने रहने की गुहार लगाई। अपने इन प्रयासों में वह काफी हद तक कामयाब भी हो गए। उनकी प्रतिनियुक्ति रद्द कर मूल विभाग में वापस भेजने का आदेश बुधवार को संशोधित हो गया है।

मंडी में जश्न, पर चाहते है कार्रवाई हो

रियाज के मंडी से हटने के बाद गुना मंडी में जश्न का माहौल है। जहां कर्मचारी प्रसन्न है तो किसान और हम्माल सहित व्यापारियों में भी खुशी है। सभी का एक स्वर में कहना है कि मंडी सचिव के कार्यकाल में मंडी का कबाड़ा हो गया था। जहां अव्यवस्थाएँ भरपूर हो गई थीं तो खुलेआम मनमानी की जा रही थी। भ्रष्टाचार के आरोप भी इस दौरान सामने आ रहे है। हालांकि यह सभी मानते है कि उन्हे मंडी बोर्ड से ही हटाया जाकर मामलों की जांच कर कार्रवाई भी की जाना चाहिए थी। जो नहीं हो पाई है। अपनी इस इच्छा को लेकर सभी उच्च स्तरीय शिकायतें करने की बात भी कह रहे है। साथ ही एक, दो दिन में जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे।

फिर प्रतिनियुक्ति वाले मंडी सचिव

मंडी को एक बार फिर प्रतिनियुक्ति वाले सचिव मिले है। इस बार प्रतिनियुक्ति कृषि विभाग से हुई है और नाम है उदयभानु चतुर्वेदी। उदयभानु ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पद पर पदस्थ है। इनके बारे में बताया जाता है कि यह पहले भी मंडी सचिव पर रह चुके हैअ और तब भी यह प्रतिनियुक्ति पर ही थे। भाजपा नेता अरुण चतुर्वेदी के भाई उदयभानु ने फिलहाल पदभार ग्रहण नहीं किया है। उनकी नियुक्ति को लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि लंबे समय से बिगड़ी मंडी की व्यवस्थाओं में अब सुधार हो सकेगा। उदयभानु अपनी क्षमताओं का प्रमाण अपने पहले मंडी सचिव कार्यकाल में दे चुके है। हालांकि इस बार उनके सामने चुनौतियां ज्यादा है, कारण पूर्व मंडी सचिव के कार्यकाल में मंडी का जबर्रदस्त तरीके से ढर्रा बिगड़ा है। अधिकारी-कर्मचारी बेलगाम रहने के साथ किसान और व्यापारी भी परेशान रहे है। 

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