शिक्षा को व्यवसाय न बनाएं शिक्षक : अरोरा

Update: 2020-09-07 15:17 GMT

शिक्षा को व्यवसाय न बनाएं शिक्षक : अरोरा

गुना। शिक्षा को शिक्षकों द्वारा व्यवसाय नहीं बनाना चाहिए। कारण शिक्षक दाता होता है, जो शिक्षा का दान करता है। उक्त विचार भारत विकास परिषद की प्रांतीय उपाध्यक्ष श्रीमती सन्तोष अरोरा ने व्यक्त किए। संतोष अरोरा परिषद द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहीं थीं। बजरंगगढ़ मार्ग स्थित नवोदय विद्यालय में आयोजित समारोह का शुभारंभ माँ सरस्वती एवं मां भारती के चित्रों पर माल्यार्पण कर किया गया। परिषद के मीडिया प्रभारी दिनेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस दौरान 40 से अधिक शिक्षकों का शॉल श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया। स्वागत उदबोधन में परिषद के अध्यक्ष आनन्द कृष्णानी ने शिक्षकों को राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को अतुलनीय बताया। उन्होने कहा कि शिक्षक छात्र जीवन को गढऩे का काम करते है। जीवन में उनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। अध्यक्षीय उद्बोधन विद्यालय के प्राचार्य डॉ अरुण कुमार तिवारी ने दिया। कार्यक्रम का संचालन दीपेंद्र उपाध्याय एवँ ऋषिकेश भार्गव ने किया एवं आभार सचिव नीरज अग्रवाल ने माना। इस मौके पर पूर्व अध्यक्ष दिलीप सक्सेना, सुधीर श्रीवास्तव, मनीष भार्गव, सुरेंद्र शर्मा, मधुबाला सक्सेना, भावना श्रीवास्तव, सुरेखा भदौरिया ममता अग्रवाल घनश्याम रघुवंशी उपस्थित रहे।

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