महिलाओं ने लगाया हनुमान चौराहे पर जाममहिलाओं ने लगाया हनुमान चौराहे पर जाम
गुना। कई बार गुहार लगाने और आवेदन देने के बाद भी जब सिंगवासा के ग्रामीणों की बिजली की समस्या का हल नहीं निकला तो उनका सब्र शनिवार को जवाब दे गया और उन्होने हनुमान चौराहे पर जाम लगा दिया। जाम लगाने वालों में अधिकांश महिलाएं थीं। जो सडक़ के बीचों-बीच बैठ गईं। यहां से महिलाओं को जबर्रदस्त उठाया गया तो उन्होने कलेक्ट्रेट की राह पकड़ी और वहां पहुँचकर प्रदर्शन किया। हालांकि इसके बाद भी उनकी बिजली समस्या का कोई हल नहीं निकला और उन्हे हर बार की तरह सिर्फ आश्वासन ही मिला।
सडक़ के बीचों-बीच बैठीं महिलाएं
शनिवार को सुबह अचानक बड़ी संख्या में महिलाएं हनुमान चौराहे पहुँचीं और जाम लगा दिया। यह महिलाएं सिंगवासा चक की थीं और जाम को दौरान सडक़ के बीचों -बीच बैठ गईं। इसके चलते थोड़ी ही देर में चौराहे पर चारों ओर वाहनों की कतार लग गई और वाहनों के हॉर्न की कर्कश ध्वनि वातावरण में गूंजने लगी। इसकी खबर किसी ने पुलिस को दी। जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची और महिलाओं को उठाने की कोशिश की। हांलाकि महिलाओं का कहना रहा कि जब तक उनकी बिजली की समस्या हल नहीं हो जाती। वह जाम नहीं खोलेंगी। जब महिलाएं समझाने से नहीं मानी तो पुलिस ने उन्हे कार्रवाई का डर दिखाते हुए जोर जबर्रदस्ती से उठा दिया।
कलेक्ट्रेट की पकड़ी राह
हनुमान चौराहे से उठने के बाद महिलाओं ने कलेक्ट्रेट की राह पकड़ी। महिलाएं पैदल-पैदल कलेक्ट्रेट पहुंची। जहां पहले से गांव के अन्य ग्रामीण भी मौजूद थे। सभी ने यहां प्रदर्शन करना शुरु कर दिया। इस दौरान जोरदार तरीके से नारेबाजी की गई। मौके पर डिप्टी कलेक्टर आरबी सिंडोस्कर, तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। इस दौरान मौके पर बिजली कंपनी के अधिकारी भी बुलाए गए। बाद में कंपनी के अधिकारियों को समस्या जानने के लिए गांव भी भेजा गया।
लंबे समय से नहीं है बिजली
शहर के नजदीक स्थित सिंगवासा चक में पिछले लंबे समय से बिजली नहीं है। ग्रामीणों ने बिजली को लेकर जो बताया उसे सुनकर खुद प्रशासन के अधिकारियों को विश्वास नहीं हुआ कि ऐसा कैसे हो सकता है? ग्रामीणों ने बताया कि गांव में 300 से अधिक सहरिया परिवार निवास करते हैें। इसके अलावा अहिरवार व वाल्मीक समाज के लोग रहते हैं। गांव में लंबे समय से बिजली नहीं है। बिजली न होने से गर्मी, बारिश, सर्दी सभी मौसम में परेशानी का सामना करना पड़ता है। अंधेरे में उन्हे और बच्चों को जहरीले कीड़े काट रहे हैं। कई लोगों की मौत अंधेरे में सर्पदंश से हो चुकी है। समस्या को लेकर बीते कई सालों से लगातार ग्रामीण आवेदन अधिकारियों को दे रहे हैं, किन्तू हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा। जब खेतों में पानी लग रहा था तब कृषि फीडर पर बिजली सप्लाई चालू थी, उसी दौरान केवल सिंगल फेस लाइट ग्रामीणों को मिली। बाद में सिंचाई होने के बाद इस फीडर पर बिजली सप्लाई बंद हो गई। जिसके बाद से गांव के सभी लोग लाइन के बिना ही जीवन यापन करने को मजबूर हैं।