गृह वाटिका : सेहत, वातावरण के साथ बजट सुधारने में लाभकारी

अच्छा किचन गार्डन किसी भी परिवार के लिए उसके स्वास्थ्य के लिए वरदान सिद्ध होता है, जिस तरह से लगातार रसायनयुक्त सब्जियों का प्रयोग हम लोग करते आ रहे हैं।

Update: 2021-05-01 11:09 GMT

कोरोना महामारी के दौर में हमारी आवाजाही सीमित हो चुकी है। इस समय का हम कुछ रचनात्मक उपयोग कर सकते हैं। इस दृष्टि से यदि बात किचन गार्डन की हो तो यह एक बेहतर कार्य हो सकता है। इससे न सिर्फ हम अपने घरेलू उपयोग के लिए ताजी हरी सब्जियां उगा सकते हैं, बल्कि फूल एवं सुगंधित पौधों की कृषि कर अपने आस-पास के माहौल को मनोरम बना सकते हैं। अतः आवश्यक है कि इस संदर्भ में समय-समय पर तकनीकी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाई जाएं जिससे इन तकनीकी विधियों को अपनाकर आप कुछ अच्छा कर सके।

अच्छा किचन गार्डन किसी भी परिवार के लिए उसके स्वास्थ्य के लिए वरदान सिद्ध होता है, जिस तरह से लगातार रसायनयुक्त सब्जियों का प्रयोग हम लोग करते आ रहे हैं। इससे हमारे स्वास्थ्य के ऊपर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। यदि हम अपने घरों के आसपास खाली पड़ी हुई जमीन पर सही तरीके से सही फसलों का चुनाव करके गृह वाटिका बना ले तो इस समस्या से बच सकते हैं। निरंतर सुनने को आता है कि सब्जियां के भाव आसमान छू रहे हैं और हमारे झोले का भार कम हो रहा है। अधिक पैसे खर्च करने के बावजूद भी हमें पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियां भी नहीं मिलती।

एक सफल गृह वाटिका में क्या विशेषताएं होनी चाहिए कौन-कौन सी सब्जियां ऋतु के आधार पर उगाई जानी चाहिए इसकी जानकारी होना नितांत आवश्यक है। सफल गृह वाटिका उसको कहते हैं जिसमें कम से कम एक ऋतु में 15 से अधिक सब्जियां उगाई जाए, इसमें प्रमुख रूप से जायद ऋतु से यदि हम शुरुआत करते हैं तो प्रमुख रूप से कद्दू,तरोई लौकी, भिंडी, परवल, करेला, मूली, तरोई, लौकी, चौलाई, नारी पत्ती, घुइयां, जिमीकंद, बैंगन एवं टमाटर को हम आसानी से उगा सकते हैं और निरंतर अक्टूबर-नवंबर तक हम सब्जियां प्राप्त कर सकते हैं। आजकल सब्जी के बीज विक्रेताओं के पास गृह वाटिका हेतु बीजों का पैकेट निर्धारित मूल्य उपलब्ध है। इन बीजों को आप निर्धारित दूरी पर पौधों की ऊंचाई के आधार पर इन की बुवाई करें, यह ध्यान रखना है कि पूरब दिशा में कभी भी लंबी जाति वाली सब्जियां नहीं लगानी है।

उत्तर, दक्षिण और पश्चिम दिशा में आपको मचान बनाकर सब्जियां लगानी चाहिए। मचान की ऊंचाई 5 फीट रखनी है। उचित जल प्रबंधन और जल निकास आवश्यक है, जब एक ही जगह पर थोड़े थोड़े प्लॉट बनाकर के सब्जियां उगाई जाती हैं तो निगरानी करने में भी समय कम लगता है और जो सब्जियां हैं। मुख्य रूप से गृह वाटिका में जो सब्जियां उगाई जाती हैं, उनमें बीमारियां भी कम लगती हैं। कीटनाशक का बिल्कुल प्रयोग गृह वाटिका में नहीं करना चाहिए। इसके जगह पर जैविक खादों एवं जैविक कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है। गृह वाटिका से मिले हुए सूखी पत्तियों तथा घरों में जो थोड़ा सा बचा कुचा कचरा होता है, उसको एक 4 फीट गहरे और 4 फीट लंबाई चौड़ाई का गड्ढा खोद लेते हैं। उसी में हम जैविक खाद तैयार करते रहते हैं। इसी खाद का प्रयोग हम अपने गृह वाटिका में जो सब्जियां हैं, उसमें करते हैं।

कोई बीमारी या कीट लग जाते हैं तो उसके लिए जैविक उत्पादों का प्रयोग किया जा सकता है, जिसमें प्रमुख रूप से ब्यूबेरिया बेसियाना एवं मेटारजियम एनीस्लोपी का प्रयोग किया जाता है। इन दोनों जैविक उत्पादों की 2 ग्राम मात्रा 1 लीटर पानी में घोल बनाकर 15 दिन के अंतराल पर अपने गृह वाटिका में छिड़काव करते रहना चाहिए। खरीफ में जो सब्जियां उगाई जाती हैं उनमें प्रमुख रूप से कद्दू वर्गीय सब्जियों में फल मक्खी का आक्रमण होता है फल, मक्खी को प्रबंधित करने के लिए हम बाजार से मिथाइल यूजिनॉल से बना फेरोमोन प्रपंच लाकर लगा देते हैं, इससे फल मक्खी का जैविक प्रबंधन हो जाता है। खरीफ ऋतु मैं आद्रता अधिक होने पर बीमारियों का प्रकोप अधिक होता है इसके ट्राइकोडरमा नामक जैविक फफूंदी नाशक का प्रयोग करना चाहिए इसकी सेल्फ लाइफ भी अधिक होती है। इसका 100 ग्राम तक ट्राइकोडरमा का पाउडर लेकरके सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर पौधों की जड़ों के पास जब हम बीज बोआई कर रहे हैं उसी दौरान मिट्टी में मिला दें, तो बीमारियां कम लगती है।

समय-समय पर सफाई करते रहते हैं और गृह वाटिका को प्रबंधित करने के लिए सुबह का एक घंटा बहुत प्रभावी होता है। इस 1 घंटे में गृह वाटिका की निगरानी कर लेते हैं। साथ सूखी पत्तियां तोड़ना, उनके लिए मचान बनाना यह कार्य पूर्ण कर लेते हैं। आज बाजारों में सब्जियों के भाव बढ़ते चले जा रहे हैं। इन भावों के बढ़ने से जो समस्या प्रदेश के सामने आ रही है, उससे भी हम निजात पा सकते हैं। यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी एक अच्छा साधन बन जाता है। आप समय-समय पर जब अपने गृह वाटिका में कार्य करते हैं तो आप स्वस्थ रहते हैं।

उपरोक्त बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए आज हम लोगों स्वस्थ रखने के लिए ग्रह वाटिका बनाकर सब्जियों का उत्पादन घर पर ही करना चाहिए करना चाहिए। गृह वाटिका में जो सब्जियां उगाई जाती हैं पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार का कीटनाशकों एवं रासायनिक खाद का उपयोग नहीं किया जाता इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभकारी है। इस तरह से हम खरीफ, रबी एवं जायद में सही प्रबंधन करके पूरे वर्ष हरी सब्जियां प्राप्त कर सकते हैं और अपने घर के आस-पास का वातावरण भी शुद्ध रख सकते हैं।

(लेखक, चंद्र भानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखनऊ में सहायक आचार्य हैं।)

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